
देश के 48 वे मुख्य न्यायाधीश N V रमन्ना (फोटो- सोशल मीडिया)
Former CJI NV Ramana Remark: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि उन पर दबाव बनाने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ क्रिमिनल केस तक दर्ज किए गए। वीआईटी-एपी यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, जस्टिस रमना ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार का नाम लिए बिना यह बड़ा बयान दिया।
जस्टिस रमना ने शनिवार को कहा, ‘आप सभी जो यहां मौजूद हैं, आप में से ज्यादातर लोग जानते हैं कि कैसे मेरे परिवार को टारगेट किया गया और उनके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किए गए। यह सब सिर्फ मुझे मजबूर करने के लिए किया गया था, और मैं अकेला नहीं था।’ उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के वे सदस्य भी जिन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों का पालन किया, उन्हें दबाव और जुल्म का सामना करना पड़ा। यहां तक कि जिन जजों की कोई भूमिका नहीं थी, उनके परिवार राजनीतिक संगठनों के लिए जमानती बन गए।
पूर्व सीजेआई उस समय की वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन का जिक्र कर रहे थे। यह आंदोलन आंध्र प्रदेश की अकेली राजधानी अमरावती को खत्म करके ‘तीन राजधानियों’ का फॉर्मूला अपनाने के खिलाफ था। इस फॉर्मूले में विशाखापत्तनम को एडमिनिस्ट्रेटिव, अमरावती को लेजिस्लेटिव और कुरनूल को ज्यूडिशियल राजधानी बनाना शामिल था। जस्टिस रमना ने कहा, ‘उस मुश्किल दौर में, किसानों के मुद्दे से हमदर्दी रखने वाले सभी लोगों को डराया-धमकाया गया और जबरदस्ती का सामना करना पड़ा।’
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जस्टिस रमना ने कहा कि ऐसे समय में, जब कई पॉलिटिकल लीडर कोई स्टैंड लेने या चुप रहने में हिचकिचा रहे थे, यह देश के जज, वकील और कोर्ट ही थे जो अपने संवैधानिक वादे पर डटे रहे। उन्होंने अमरावती से अपने जुड़ाव को याद करते हुए कहा, ‘मैं अमरावती के किसानों के जज्बे को सलाम करता हूं, जिन्होंने हिम्मत से सरकारी सिस्टम की ताकतों का सामना किया। मुझे किसानों के संघर्ष से बहुत प्रेरणा मिलती है।’ उन्होंने ज्यूडिशियल सिस्टम पर भरोसा दिखाने के लिए भी किसानों को धन्यवाद दिया। आंध्र प्रदेश में अब चीफ मिनिस्टर एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार बनने के बाद, अमरावती कैपिटल प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया गया है और काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।






