विदेश सचिव विक्रम मिसरी
नई दिल्ली: विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन विभिन्न देशों को भारत के रुख से अवगत कराने के लिए विदेश यात्रा पर जा रहे सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से तीन को पाकिस्तान के साथ चले तवान पर जानकारी दी। विदेश सचिव मिसरी ने इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अवगत कराया।
मिसरी ने बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को पाकिस्तान की ओर से भारत में लंबे समय से आतंकवाद को प्रायोजित करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत किस प्रकार अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी घटना का कड़ा जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा ने कहा, ‘‘वैश्विक नेताओं को हमारा संदेश यह होगा कि अब बहुत हो चुका और जब भी भारत ने अतीत में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पाकिस्तान की बातों पर भरोसा किया है, तो उसने ऐसा व्यवहार किया है, मानो किसी चोर से उसके अपने अपराध की जांच करने को कहा गया हो।”
झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया की यात्रा करेगा। संयुक्त अरब अमीरात और कुछ अफ्रीकी देशों की यात्रा पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने कहा कि वे भारत में आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करेंगे।
विक्रम मिसरी ने सांसदों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों को बताया कि भारत की कार्रवाई पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई थी, न कि सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिकों के खिलाफ। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने के प्रयासों के बाद ही भारत ने जवाबी कार्रवाई की।
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विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संबंधित चीजों की जानकारी दी। जदयू के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और द्रमुक की कनिमोई के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने ‘ब्रीफिंग’ में भाग लिया, जिसमें उन्हें उनके एजेंडे और उसके विस्तृत विवरण के बारे में बताया गया। हालांकि, कनिमोई बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी भी बैठक में शामिल हुए, जिन्हें अंतिम समय में प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया, क्योंकि उनकी पार्टी ने अपने सांसद यूसुफ पठान को सरकार की ओर से चुने जाने के एकतरफा फैसले का विरोध किया था।