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नई दिल्ली: देश के पूर्व दिग्गज सिवील सर्वेंट और कद्दावर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करीब 40 साल पहले एक विमान हाइजैक से जुड़े उस खास वाकये का जिक्र किया जिसमें वह खुद ही आपदा से निपटने वाली टीम का हिस्सा थे। लेकिन उनकी स्थिति तब और ज्यादा जटील हो गई जब उन्हें पता चला कि जिस विमान को हाइजैक किया गया है, उसमें उनके पिता भी बैठे हैं। विदेश मंत्री के इस खुलासे के बाद 4 दशक पुराने उस हाइजैक की कहानी फिर से लोगें की जुबां पर आ गई है।
दरअसल विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने बीते शुक्रवार को खुलासा किया था कि उनके पिता 1984 में अपहृत विमान में सवार थे और कहा कि ऐसी परिस्थितियों में उनके पास “दोनों पक्षों” परिवार के सदस्यों और सरकार में बैठे लोगों के दृष्टिकोण को लेकर एक अनोखा नजरिया था। जयशंकर यहां एक कार्यक्रम के दौरान 1999 में IC814 के अपहरण पर हाल में जारी टेलीविजन सीरीज के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
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#WATCH | Geneva: On ‘IC 814: The Kandahar Hijack’ Netflix web series, EAM Dr S Jaishankar says, “I haven’t seen the film, so I don’t want to comment. In 1984, there was a hijacking. I was a very young officer. I was part of the team which was dealing with it. After 3-4 hours of… pic.twitter.com/tGMX4MP5nl — ANI (@ANI) September 13, 2024
जयशंकर ने कहा, ‘‘कैसे एक युवा अधिकारी के रूप में मैं उस टीम का हिस्सा था, जो अपहरण के मामले से निपट रही थी। वहीं दूसरी तरफ, मैं उन परिवारों के सदस्यों में शामिल था जो अपहरण के बारे में सरकार पर दबाव डाल रहे थे।” भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान, श्रोताओं में से एक ने मंत्री से ‘नेटफ्लिक्स’ पर हाल में आई सीरीज ‘IC814: द कंधार हाईजैक’ पर उनकी टिप्पणी मांगी थी।
जयशंकर ने LY कहा कि उन्होंने यह सीरीज नहीं देखी है। उन्होंने हालांकि अपहरण की घटना के संबंध में अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘1984 में एक विमान का अपहरण हुआ था।।। मैं एक बहुत ही युवा अधिकारी था। मैं उस टीम का हिस्सा था जो इससे निपट रही थी। मैंने अपनी मां को फोन करके बताया कि मैं नहीं आ सकता, अपहरण हो गया है। मुझे पता चला कि मेरे पिता उस विमान में थे। विमान दुबई में जाकर रुका। सौभाग्य से, किसी की जान नहीं गई, लेकिन कुछ गलत भी हो सकता था।”
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जानकारी दें कि दिल्ली से श्रीनगर जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-421 का 24 अगस्त 1984 को अपहरण कर लिया गया और उसे दुबई ले जाया गया था। जिस दौरान अपहरण किया गया उस वक्त विमान पठानकोट के ऊपर उड़ान भर रहा था। लगभग 36 घंटे के बाद 12 खालिस्तान समर्थक अपहरणकर्ताओं ने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और सभी 68 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को बिना किसी नुकसान के रिहा कर दिया गया था।
अपहरणकर्ताओं के आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में हाइजैकर्स कमलजीत सिंह संधू, देवेंद्र सिंह, अमरेंद्र सिंह, अवतार सिंह, तजिंदर सिंह, मान सिंह और सुरेंद्र सिंह थे। जयशंकर उस समय एक IFS अधिकारी थे और अब सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं। उनके पिता के। सुब्रह्मण्यम भी एक IAS अधिकारी थे और रणनीतिक मुद्दों पर नियमित रूप से टिप्पणी किया करते थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)