सर्वदलीय बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
Parliament Winter Session:आज संसद के मानसून सत्र का पांचवां दिन है। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा और विरोध-प्रदर्शन जारी रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के नेताओं से की जा रही अपील लगातार बेअसर साबित हो रही है। सदन की कार्यवाही शुरू होने के चंद मिनटों बाद ही स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश को सदन में अव्यवस्था और शोरगुल के कारण कार्यवाही को स्थगित करना पड़ रहा है। स्पीकर ओम बिरला सांसदों के व्यवहार को लेकर नाराजगी प्रकट करते हुए चेतावनी भी दे चुके हैं, लेकिन विपक्षी दलों के सांसद अपनी मांग पर अड़े हैं।
लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज पर चर्चा के लिए सभी आज शुक्रवार को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में आम सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया- SIR का प्रतीकात्मक रूप से विरोध किया। सदस्यों ने SIR को फाड़ दिया और उसे कूड़ेदान में फेंक दिया।
मानसून सत्र की शुरुआत से ही लोकसभा में विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि असहमति जताने का यह तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने सदन में हंगामा कर रहे सदस्यों से उनके निर्वाचन क्षेत्र की जनता की अपेक्षाओं का ध्यान रखने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हमारे पीछे 20-20 लाख लोग हैं जो बड़ी अपेक्षाओं से सदन को देखते हैं। उन्हें उम्मीद रहती है कि सदन में हमारे मुद्दों, हमारी आकांक्षाओं, हमारी चिंता पर चर्चा होगी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और अन्य मुद्दों पर नारे लगाने लगे। अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मैंने हमेशा सदन में यह प्रयास किया है कि सदन चले और विशेष रूप से प्रश्नकाल के समय मेरा हमेशा यह प्रयास रहता है। प्रश्नकाल सदस्यों का समय रहता है और इसमें सरकार की जवाबदेही तय होती है। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कुछ दिन से देख रहा हूं कि सदन को नियोजित तरीके से बाधित किया जाता है। तख्तियां दिखाई जाती हैं, नारेबाजी की जाती है।
Lok Sabha Speaker Om Birla called a meeting of the leaders of all parties to discuss the functioning of the House. Efforts are on to reach a consensus in the meeting. pic.twitter.com/qoXsaaU3xg
— ANI (@ANI) July 25, 2025
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अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष को किसी विषय पर चर्चा करनी है तो वे आएं, सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करके गतिरोध को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर मुददे पर सरकार से बात करके चर्चा का रास्ता निकाला जा सकता है। लेकिन हम केवल आते ही सदन के अंदर या सदन के बाहर तख्तियां दिखाएं, नारेबाजी करें, यह उचित नहीं। बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान केवल उन्हीं सदस्यों को बोलने का अवसर दिया जाता है जिनका प्रश्न सूचीबद्ध है। यह अच्छी परिपाटी, परंपरा रही है। उन्होंने तख्तियां दिखाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लोकतंत्र में असहमति दर्ज कराने का अधिकार है लेकिन यह संसदीय लोकतंत्र की परंपरा और परिपाटी के अनुसार होना चाहिए। असहमति जताने का यह तरीका ठीक नहीं है।