सीएम भगवंत मान का पुतला फूंकते हुए किसान (सोर्स-सोशल मीडिया)
चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े किसानों ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में योजनाबद्ध ‘धरना’ के लिए चंडीगढ़ की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है। विरोध के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बैरिकेड्स लगाए गए और सुरक्षा बढ़ा दी गई।
एसकेएम 30 से अधिक किसान संगठनों का एक समूह है और इसने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 5 मार्च से चंडीगढ़ में एक सप्ताह तक चलने वाले धरने का आह्वान किया है। संगठन ने कहा कि पंजाब पुलिस बुधवार सुबह ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहनों में चंडीगढ़ के लिए निकले किसानों को रोक रही है।
मोगा में क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष जतिंदर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ जाते समय उन्हें मोगा जिले के अजीतवाल में पंजाब पुलिस ने रोक लिया। सिंह ने दावा किया कि उनमें से कुछ को पुलिस ने ‘हिरासत में’ भी लिया। चंडीगढ़ जाने की अनुमति नहीं मिलने पर किसानों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान किसानों ने भगवंत मान का पुतला भी जलाया।
आज अमृतसर में पंजाब CM भगवंत मान का पुतला दहन किया गया, पंजाब पुलिस ने कल से पंजाब के अंदर SKM के चंडीगढ़ कूच को असफल करने के लिए KMM के किसान नेताओं को भी गिरफ्तारी की है हमारी मांगे सांझी है हमारी ज़ंग एक है, और हम एक साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर लड़ेंगे।।#FarmersProtest2024 pic.twitter.com/LP24qiLFkp — Tejveer Singh, ਤੇਜਵੀਰ ਸਿੰਘ (@Tveer_13) March 5, 2025
उन्होंने कहा कि समराला में भी पुलिस ने किसानों को चंडीगढ़ जाने से रोक दिया। प्रशासन ने चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में किसानों को प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी। चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को यातायात परामर्श जारी करते हुए कहा था कि यातायात को सुचारू रखने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 5 मार्च को कुछ सड़कों पर यातायात को नियंत्रित किया जा सकता है।
पंजाब पुलिस ने मंगलवार को बलबीर सिंह राजेवाल, रुलदा सिंह मानसा, गुरमीत सिंह भाटीवाल, नछत्तर सिंह जैतो, वीरपाल सिंह ढिल्लों, बिंदर सिंह गोलेवाल और गुरनाम भीखी समेत कई किसान नेताओं को “हिरासत में” लिया। एसकेएम नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने मंगलवार को किसान नेताओं से चंडीगढ़ की ओर मार्च करने का आह्वान किया था। उन्होंने किसानों से कहा कि वे खाली जगह पर बैठें और अगर चंडीगढ़ जाते समय पुलिस उन्हें रोकती है तो कोई सड़क जाम न करें।
आपको बता दें कि बंजाप के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कई किसान संगठनों पर हर दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन करने, पंजाब को “धरनों का राज्य” बनाने और राज्य को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
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एसकेएम ने अब निरस्त हो चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। यह कृषि विपणन पर केंद्र की राष्ट्रीय नीति रूपरेखा के मसौदे को वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, राज्य कृषि नीति के कार्यान्वयन और राज्य सरकार द्वारा एमएसपी पर छह फसलों की खरीद की मांग कर रहा है।