नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू की घोषणा (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत में हेलिकॉप्टर सेवाओं के तेजी से बढ़ते उपयोग और उनसे जुड़ी प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के तहत अब हेलिकॉप्टरों के लिए एक अलग निदेशालय बनाया जाएगा। यह घोषणा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने पुणे में आयोजित 7वें हेलिकॉप्टर और छोटे विमान शिखर सम्मेलन के दौरान की। यह निदेशालय सिंगल विंडो व्यवस्था के तहत कार्य करेगा और सुरक्षा, प्रमाणन और प्रक्रियाओं से जुड़े मसलों का समाधान करेगा।
नया हेलिकॉप्टर निदेशालय खासतौर पर पर्वतीय इलाकों में ऑपरेशंस की निगरानी और सुधार पर ध्यान देगा। मंत्री ने कहा कि विशेष रूप से केदारनाथ और चारधाम जैसी तीर्थ यात्राओं में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। “ऐसे इलाकों में उड़ान भरना चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए कोई भी ढिलाई या संवाद की चूक स्वीकार्य नहीं है,” नायडू ने कहा।
क्यों जरूरी था नया निदेशालय?
कई हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों ने अब तक प्रक्रियागत जटिलताओं और प्रशासनिक देरी की शिकायत की थी। मंत्री ने कहा, “हम इस चुनौती को समझते हैं और अब यह नया निदेशालय हेलिकॉप्टरों की नियामकीय प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगा।” यह कदम उड़ान योजना के विस्तार और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती देने की दिशा में भी अहम साबित होगा।
समावेशी हवाई समाधानों की ओर बढ़ता भारत
कार्यक्रम में मंत्री नायडू ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य में हेलिकॉप्टरों और छोटे विमानों की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा, अगला दशक सिर्फ मेट्रो शहरों के हवाई अड्डों का नहीं, बल्कि छोटे शहरों और दुर्गम इलाकों तक पहुंच बनाने वाले समाधानों का है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उड़ान योजना के तहत आम नागरिकों को हवाई सेवा से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है।
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DGCA के तहत बनने वाला हेलिकॉप्टर निदेशालय सिर्फ एक संस्थागत सुधार नहीं, बल्कि भारत की हवाई सेवाओं को समावेशी, सुरक्षित और भविष्य-उन्मुख बनाने की दिशा में निर्णायक कदम बताया जा रहा है। इससे पर्वतीय यात्राओं में सुरक्षा बढ़ेगी, संचालन प्रक्रिया आसान होगी और हवाई यात्रा का लाभ अधिक लोगों तक पहुंचने की बात की गई है।