बांग्लादेश में छात्रों का जोरदार प्रदर्शन
Ravindra Nath University Student’s Demand A New Campus: बांग्लादेश में एक बार फिर से आंदोलन अपने परवान पर है। इस बार भी इस आंदोलन को करने की जिम्मेदारी छात्रों ने अपने हाथों में ले ली है। हालांकि, इस बार यह विरोध सत्ता परिवर्तन की चाह को लेकर नहीं बल्कि छात्र अपनी सुविधाओं को लेकर कर रहे हैं। विद्यार्थी किसी सरकार को सत्ता से हटाने के बजाय अपने स्थायी विश्वविद्यालय की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। दरअसल, रवींद्र विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस के निर्माण के लिए विकास परियोजना प्रस्ताव (डीपीपी) की मंजूरी और इसके पूर्ण क्रियान्वयन की मांग को लेकर बुधवार को बांग्लादेशी छात्रों ने ढाका-उत्तरी जिलों के रेलमार्ग पर धरना देकर ट्रैक जाम कर दिया। इससे आठ ट्रेनें रास्ते में ही रुक गईं।
करीब सुबह 9 बजे, सिराजगंज जिले के उल्लापाड़ा रेलवे स्टेशन पर छात्रों ने इस आंदोलन की शुरूआत की। इस आंदोलन के कारण ढाका और पश्चिमी क्षेत्र के बीच रेल संपर्क बाधित हो गया। फंसी ट्रेनों में सिल्क सिटी, चिलहाटी, रंगपुर, एकोटा, धूमकेतु, कुरिग्राम, चित्रा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल हैं। पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक फरीद अहमद ने बताया कि हालांकि अभी तक ट्रेन संचालन का शेड्यूल प्रभावित स्तर पर नहीं पहुंचा है।
पूरे मामले पर छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की स्थापना हुए नौ साल और स्थायी कैंपस की घोषणा हुए आठ साल बीत चुके हैं, फिर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। इसके चलते छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को शैक्षणिक गतिविधियों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि कैंपस निर्माण कार्य शुरू और पूरा होने तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
इससे पहले रविवार को छात्रों ने हाटीकुमरुल गोलचत्तर पर हाईवे जाम कर सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने बुधवार को रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।
सोमवार को भी छात्रों ने अस्थायी कैंपस में सीमित जगह के कारण नए छात्रों का स्वागत समारोह हाईवे पर आयोजित कर विरोध दर्ज कराया था।
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रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 19 से 30 के बीच भी छात्रों ने लगातार हाईवे जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सरकार ने आश्वासन देकर आंदोलन को अस्थायी रूप से खत्म कराया था। लेकिन डीपीपी को अब तक मंजूरी न मिलने से छात्रों ने 26 जुलाई को रवींद्र विश्वविद्यालय दिवस के बहिष्कार के साथ ही फिर से विरोध शुरू कर दिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)