नरेश मीणा (फोटो- सोशल मीडिया)
टोंकः राजस्थान के टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले के समरावता और अलीगढ़ कस्बे के आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती है। वहीं आज मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
हालांकि अलीगढ़ कस्बे के पास टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे पर लगे जाम को करीब 10 घंटे बाद पुलिस ने खुलवा दिया है। घटना के विरोध में दो दिन से हड़ताल कर रहे RSS एसोसिएशन के सदस्यों ने आज यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मुलाकात की।
इस दौरान RSS के सदस्यों ने घटना को लेकर मुख्यमंत्री के सामने अपना पक्ष रखा। RSS एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया की सीएम से मुलाकात सकारत्मक रही। हालांकि, अभी तक हड़ताल खत्म करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। उधर, गिरफ्तार किया गया नरेश मीणा सलाखों के पीछे आराम फरमाता नजर आया।
कांग्रेस का बागी नेता है नरेश मीणा
जानकारी दें कि बीते बुधवार को कांग्रेस के बागी नेता एवं उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मीणा ने मालपुरा के SDM (उप खंड अधिकारी) अमित चौधरी को मतदान केंद्र के बाहर सैकड़ों लोगों के सामने एक करारा थप्पड़ मार दिया था। वहीं चुनाव अधिकारी को थप्पड़ मारने और टोंक में हिंसा के आरोपी नरेश मीणा पर पुलिस मे भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा- 189(2), 190, 115(2), 121(2), 132, 223(a), 351(2), 109(1) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132, 131 के तहत केस दर्ज किया है।
क्या है मामला
बता दें कि यह मामला मतदान बहिष्कार को लेकर शुरू हुआ। कचरावता ग्राम पंचायत के समरावता गांव के लोग गांव को देवली की बजाय दोवारा उनियारा में शामिल कराने की मांग कर रहे थे। दरअसल, पिछली सरकार में गांव को उनियारा से देवली उपखंड तथा तहसील नगरफोर्ट कर दिया था। समरावता गांव की देवली से दूरी 80 किलोमीटर है, वहीं उनियारा से कोवल 18 किलोमीटर दूर है।
ऐसे में ग्रामीणों ने यथावत उनियारा में शामिल कराने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। इसी दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों का समर्थन किया। पूरे मामले को लेकर नरेश मीणा का कहना था कि मतदान बहिष्कार के बावजूद प्रशासन ने जबरन वोट डलवाया।