मणिक्कम टैगोर
Congress Leader Controversial Statement: देश में इस समय कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयानों की वजह से हलचल मची हुई है। दिग्विजय सिंह ने शनिवार को इस सिलसिले की शुरुआत की, जब उन्होंने आरएसएस को लेकर अपनी राय दी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान से पलटते हुए सफाई दी। उनके बयान पर अब कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस कड़ी में लोकसभा सांसद मणिक्कम टैगोर ने आरएसएस की तुलना अल कायदा से कर दी है।
मणिक्कम टैगोर ने कहा, “आरएसएस और अल कायदा का काम एक ही है। दोनों नफरत फैलाते हैं। आतंक फैलाने वाले इनसे कुछ नहीं सीख सकते। हम गांधीजी की पार्टी वाले हैं, हम मोहब्बत की राजनीति करते हैं, नफरत फैलाने वालों से हमें कुछ नहीं सीखना है।” उन्होंने यह बयान दिग्विजय सिंह के आरएसएस से सीख लेने वाले बयान पर दिया था, और इसी दौरान संघ की तुलना अल कायदा से कर दी।
#WATCH | Delhi: On Congress leader Digvijaya Singh praising the organisational strength of the RSS, Congress MP Manickam Tagore says, “…The RSS is an organisation built on hatred, and it spreads hatred. There is nothing to learn from hatred. Can you learn anything from… pic.twitter.com/yDlTv2Vmqh — ANI (@ANI) December 28, 2025
इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के नेता नलिन कोहली ने कहा, “क्या आरएसएस की तुलना जिहादी संगठन से की जा सकती है? राहुल गांधी और सोनिया गांधी को इस पर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। यह बयान निंदनीय है।”
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी। इस तस्वीर में मोदी जमीन पर बैठे हुए दिखाई दे रहे थे। दिग्विजय सिंह ने इस पोस्ट में लिखा था, “RSS का जमीनी स्वयंसेवक कैसे जनसंघ और भाजपा का कार्यकर्ता बनकर नेताओं के चरणों में बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बना, यह संगठन की शक्ति है।” इसके बाद उन्होंने सफाई दी कि उनका उद्देश्य सिर्फ संगठन की शक्ति की तारीफ करना था। उन्होंने कहा, “मैंने RSS, मोदी जी और उनकी नीतियों का विरोध किया है। जो मुझे कहना था, वह मैंने CWC की मीटिंग में कह दिया।”
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने भी इस मुद्दे पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने अक्टूबर में कहा था कि RSS की मानसिकता तालिबान जैसी है। उनका कहना था कि RSS हिंदू धर्म को उसी तरह लागू करना चाहता है, जैसे तालिबान इस्लाम के सिद्धांतों को लागू करता है। इसके बाद राज्य सरकार ने संघ पर कुछ प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन बाद में कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को इन प्रतिबंधों को वापस लेना पड़ा।