कांग्रेस नेता उदित राज को बंगले से बाहर निकाला (फोटो- सोशल मीडिया)
Congress Leader Udit Raj Bungalow Eviction Case: दिल्ली के पंडारा पार्क इलाके में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाया है कि उन्हें उनके सरकारी बंगले से जबरन बाहर निकाल दिया गया। उनका कहना है कि यह कार्रवाई तब की गई जब मामला अभी अदालत में विचाराधीन है और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बिना कोई नोटिस दिए, उदित राज और उनके परिवार का सारा सामान सड़क पर फेंक दिया।
उदित राज ने बताया कि उन्हें कोई लिखित नोटिस नहीं दिया गया था। बस परसों एक अधिकारी ने उन्हें मौखिक रूप से बंगला खाली करने को कहा था। लेकिन कल अचानक 15 से 20 लोग पुलिस बल के साथ पहुंचे और घर का सामान बाहर फेंकना शुरू कर दिया। यह बंगला उदित राज की पत्नी सीमा राज को आवंटित था, जो एक सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी हैं। उदित राज का कहना है कि उन्होंने 31 मई तक इस बंगले की लाइसेंस फीस भी जमा कर दी थी।
Press Conference-
भाजपा नेताओं के इशारे पर जबरदस्ती डॉ. उदित राज जी के सरकारी आवास का सामान सड़क पर फेंक दिया गया।
रातभर सड़क पर गुज़ारने को मजबूर किए गए — लेकिन उन्होंने सिर नहीं झुकाया।
यह दृश्य सिर्फ़ एक व्यक्ति की तकलीफ़ नहीं, बल्कि दलित आवाज़ पर हो रहे अन्याय और उत्पीड़न की… pic.twitter.com/Uimt9SJPZB — Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 25, 2025
अपने सामान के साथ घर के बाहर बैठे उदित राज ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए अपनी बेबसी जाहिर की। उन्होंने सवाल उठाया, ‘आप खुद देख सकते हैं, हमारे घर का सामान बाहर फेंका जा रहा है। मामला अभी अदालत में है और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को है। तीन-चार दिन और इंतजार करने में क्या नुकसान था?’ उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान जरूर करते, लेकिन इस तरह की परेशानी उन्हें इसलिए दी जा रही है क्योंकि वह दलितों और गरीबों की आवाज उठाते हैं।
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उदित राज ने इस पूरी कार्रवाई को ‘चुनिंदा और पूर्वाग्रह से भरी’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक निचली जाति के विपक्षी नेता को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, जबकि ‘कई ऊंची जाति के लोग’ अब भी सरकारी बंगलों पर कब्जा करके बैठे हुए हैं। उन्होंने बताया, ‘मैंने (केंद्रीय मंत्री) मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। कोई वरिष्ठ अधिकारी फोन पर उपलब्ध नहीं है। कोई मुझे कुछ नहीं बता रहा।’ उदित राज ने इस कार्रवाई को ‘अत्याचार’ करार देते हुए कहा कि वह इस मामले को अपनी पार्टी नेतृत्व के सामने उठाएंगे। फिलहाल, सरकार की ओर से इस बेदखली पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।