आईएनएक्स मीडिया मामला
नई दिल्ली: जहां बीते बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में उनके खिलाफ धनशोधन के आरोपों का निचली अदालत द्वारा संज्ञान लिये जाने को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी और दलील दी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनिवार्य मंजूरी नहीं ली गई। वहीं इस मामले पर आज जस्टीस मनोज कुमार ओहरी सुनवाई करेंगे।
जानकारी दें कि बीते बुधवार को चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन। हरिहरन ने दलील दी कि साल 2021 में जब निचली अदालत ने आरोप-पत्र दाखिल करने के बाद धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराधों का संज्ञान लिया था, तब ED ने इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अपेक्षित मंजूरी नहीं ली थी।
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वकील एन। हरिहरन ने यह दलील भी दी कि, चूंकि कथित अपराध के समय चिदंबरम लोक सेवक थे, इसलिए एजेंसी का दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक था।
इस पर ED के वकील ने कहा कि धनशोधन मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप किसी आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन का हिस्सा नहीं हो सकते। जानकारी दें कि, CBI ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुईं।
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वहीं इस मामले में चिदंबरम को बीते 21 अगस्त, 2019 को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उसी वर्ष 16 अक्तूबर को ईडी ने उन्हें संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
जानकारी दें कि, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा ये संगीन मामला साल 2007 का है और INX मीडिया कंपनी से जुड़ा है। वहीं इस कंपनी की डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी थे। इस मामले में ये दोनों भी आरोपी हैं। इस मामले में आरोपों के मुताबिक पी. चिदंबरम ने उस वक्त वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर INX मीडिया हाउस को 305 करोड़ रु. का फंड लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) से जरुरी मंजूरी दिलाई थी। वहीं इस जटील प्रक्रिया में जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के ही सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। इस मामले में CBI ने 15 मई 2017 को एक केस दर्ज किया था। वहीं फिर 2018 में ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)