भारत के मुख्य न्यायाधीश भुषण रामकृष्ण गवई (फोटो- सोशल मीडिया)
मुंबई में बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से आयोजित एक सम्मान समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भुषण रामकृष्ण गवई ने न्यायिक प्रणाली की वर्तमान चुनौतियों और न्यायाधीशों की जिम्मेदारियों को लेकर गहरी बात रखी। उन्होंने कहा कि कानून और संविधान की व्याख्या करते समय न्यायाधीशों को समाज की बदलती ज़रूरतों को समझना चाहिए और उसके अनुसार व्यावहारिक फैसले लेने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों को अपने निर्णयों में संवेदनशीलता और सामाजिक दृष्टिकोण का समावेश करना चाहिए।
कार्यक्रम में सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि न्यायाधीश केवल कानून के दायरे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी के तहत समाज की सेवा करनी होती है। उन्होंने कहा, “न्यायाधीश होना सिर्फ 10 से 5 की नौकरी नहीं, बल्कि समाज और संविधान की आत्मा की रक्षा करना है।” उनका यह बयान न्यायिक प्रणाली को जनसरोकारों से जोड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
अशिष्ट व्यवहार पर चेतावनी, संस्थान की गरिमा बनाए रखने की अपील
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि हाल ही में उन्हें कुछ न्यायाधीशों के अशिष्ट व्यवहार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने ऐसे व्यवहार को निंदनीय बताया और कहा कि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा बनाए रखना हर न्यायाधीश की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अपील की कि कोई भी ऐसा आचरण न करें जिससे इस महान संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एक बार जब कोई मामला निपट जाए तो न्यायाधीशों को उसे पीछे छोड़ देना चाहिए और भविष्य की जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
नियुक्तियों में योग्यता, समावेश और स्वतंत्रता का संतुलन
न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच CJI गवई ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में नियुक्तियों में कॉलेजियम प्रणाली पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में योग्यता, विविधता और समावेशिता का संतुलन सुनिश्चित किया जा रहा है और किसी भी सूरत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जाएगा।
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कार्यक्रम के अंत में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट की सराहना की और इसे अपने करियर का गौरवशाली अध्याय बताया। उन्होंने न्यायिक समुदाय से आग्रह किया कि वे अपनी शपथ और कर्तव्य के प्रति सच्चे रहें और इस संस्था की विश्वसनीयता को और मजबूत करें।