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नई दिल्ली/इंफाल. मणिपुर (Manipur) के कांगपोकपी जिले (Kangpokpi District) में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के वायरल वीडियो के मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगी। गृह मंत्रालय (MHA) जल्द ही इस मामले को अब CBI सौंपेगा। साथ ही केंद्र भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा।
अधिकारीयों ने बताया कि सुनवाई पड़ोसी राज्य असम की अदालत में कराने का अनुरोध किया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय मेइती और कुकी समुदायों के संपर्क में है तथा मणिपुर में शांति बहाली के लिए बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
The mobile phone from which Manipur women viral video was shot has been recovered and the person who shot the video is arrested: Top government sources
— ANI (@ANI) July 27, 2023
सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मी तैनात है। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं है, खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर की यह भयावह घटना चार मई की है और इसका 26 सेकेंड का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया। जिसके बाद से देश में जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में अब तक छह आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें एक नाबालिग शामिल है।
उल्लेखनीय है कि जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई और अभी तक इसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।