खरेरा नदी पर बना पुल
मुंबई: भारत में बन रहा पहला बुलेट ट्रेन कॉरिडोर काफी ख़ास है। इस प्रोजेक्ट में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह ट्रेन, नदियों के ऊपर और खाड़ी के निचे से गुजरेगी। इसी कड़ी में कई नदी पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए वापी और सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन के बीच सभी नौ नदी पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इसी के साथ गुजरात राज्य में बनाए जाने वाले 20 नदी पुलों में से 12 पुल का निर्माण पूरा हो चुका है।
अधिकारी ने बताया कि खरेरा नदी पुल 120 मीटर लंबा है, जिसे 40 मीटर के तीन फुल-स्पैन गर्डरों द्वारा सहारा दिया गया है। इसके खंभे 14.5 से 19 मीटर ऊंचे हैं और इसमें 4 मीटर का एक गोलाकार खंभा और 5 मीटर व्यास के तीन खंभे शामिल हैं। यह पुल वापी और बिलिमोरा स्टेशनों के बीच स्थित है, जो वापी से लगभग 45 किलोमीटर और बिलिमोरा से 6 किलोमीटर दूर है।
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बता दें कि वापी-सूरत खंड पर बने नौ पुल, खरेरा, कोलक, पार, औरंगा, पूर्णा, मिंधोला, अंबिका, कावेरी और वेंगानिया नदियों पर बने हैं, जो वलसाड और नवसारी सहित कई जिलों को कवर करते हैं। इसके अलावा, इस खंड के बाहर तीन अन्य नदी पुल भी पूरे हो चुके हैं। वडोदरा जिले में ढाढर नदी पर, खेड़ा जिले में मोहर नदी पर और खेड़ा जिले में वत्रक नदी पर है।
508 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के पूरा होने के बाद, मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी लगभग दो घंटे हो जाएगी, जो वर्तमान छह घंटे की यात्रा से कम होगी। इस कॉरिडोर का उद्देश्य देश के दो सबसे बड़े आर्थिक केंद्रों को 320 किमी/घंटा की गति से जोड़कर भारत में हाई-स्पीड रेल यात्रा को बदलना है।
इस प्रोजेक्ट पर अब तक 66 हजार 326 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जिसकी लागत 1 लाख आठ हजार करोड़ रुपए है। यानी सितंबर महीने तक 61 प्रतिशत आर्थिक प्रगति हो चुकी है।
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