'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल पर राज्यसभा में बोलते हुए जेपी नड्डा (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश हो चुका है। जिसे वोटिंग और डिवीजन के बाद जेपीसी के पास भेजा गया है। बिल पेश होते ही विपक्षी सांसदों की तरफ से हंगामा देखने को मिला है। राज्य सभा में भी कुछ ऐसा ही माहौल नजर आया। जिसके बाद सवालों का जवाब देते हुए जेपी नड्डा ने विपक्षी सांसदों को जमकर लताड़ लगाई। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि सरकार को यह बिल लाने की ज़रूरत क्यों पड़ी।
राज्यसभा में नेता सदन और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि इससे पहले की सरकारों ने अनुच्छेद-356 का बार-बार दुरुपयोग किया है। इसके इतिहास को देखते हुए ही हमारी सरकार ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ बिल लाने का निर्णय लिया है। इस दौरान जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर भारतीय संविधान की भावना को बदलने का आरोप भी लगाया है।
नड्डा ने ऊपरी सदन में बोलते हुए कहा कि आज आप ‘एक देश, एक चुनाव’ के विरोध में खड़े हो रहे हैं। लेकिन सच तो यह है कि आपके कारण ही ‘एक देश, एक चुनाव’ लाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 1952 से 1967 तक भारत में एक साथ ही चुनाव होते थे। आपने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बार-बार गिराया और ऐसा करके आपने कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव की स्थिति लाकर खड़ी कर दी।
भाजपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने अनुच्छेद 356 का 90 बार इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आठ बार, इंदिरा गांधी ने 50 बार, राजीव गांधी ने नौ बार और मनमोहन सिंह ने 10 बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा, ‘संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा में इन बातों का भी जिक्र होना चाहिए। लोगों को पता होना चाहिए कि आपने कैसे एक बार नहीं बल्कि बार-बार चुनी हुई सरकारों को गिराया और देश को संकट में डाला।’
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‘कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए सदन के नेता ने कहा कि क्या देश को कोई खतरा था कि देश पर आपातकाल लगाया गया। उन्होंने कहा, ‘नहीं… देश को कोई खतरा नहीं था, कुर्सी को खतरा था। यह कुर्सी की कहानी थी, जिसके लिए पूरे देश को अंधेरे में डाल दिया गया।’ नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य कहते हैं कि उनके नेताओं ने आपातकाल को एक गलती के रूप में स्वीकार कर लिया है, इसलिए इसका बार-बार जिक्र नहीं किया जाना चाहिए।
नड्डा ने कहा, ‘आपातकाल के दौरान लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की गई थी। अगर आपके दिल में कहीं भी पश्चाताप है, तो मैं अपील करता हूं… और समय से पहले ही बता देता हूं… आप 25 जून 2025 को लोकतंत्र विरोधी दिवस कार्यक्रम में शामिल हों।’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की प्रस्तावना के साथ भी छेड़छाड़ की और उसमें धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद शब्द जोड़ दिए। उन्होंने कहा, ‘अगर आपने संविधान पढ़ा होता और संविधान निर्माताओं की आकांक्षाओं को समझा होता, तो आप ये शब्द नहीं जोड़ते। क्योंकि डॉ. अंबेडकर ने लिखा है कि भारत का संविधान पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है, इसलिए इसमें ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।’