नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों के लिए कल यानी शनिवार को मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू किया, जिसे सरकारी कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार को उपहार भी बोला जा रहा है। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से भी बदतर बताया है।
शनिवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। जहां मोदी कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब सरकारी कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर मिलेगा। मोदी सरकार के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बदतर बताया है।
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आम आदमी पार्टी (आप) ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर रविवार को केंद्र सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि यूपीएस एनपीएस से भी बदतर है। इसके साथ ही आप ने दावा किया कि यूपीएस देश के कर्मचारियों के साथ ‘‘बहुत बड़ा धोखा’’ है और अर्धसैनिक बल इसके दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि उनकी सेवा 25 वर्ष की नहीं है, जो इस पेंशन योजना के तहत पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए योग्यता मानदंड है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा एकीकृत पेंशन योजना एनपीएस से भी बदतर है। यह देश के कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। देश के अर्धसैनिक बलों को इस पेंशन योजना से बाहर रखा गया है। वे इस दायरे में नहीं आएंगे, क्योंकि उनकी सेवा 25 साल की नहीं है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत मूल वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा पेंशन के रूप में दिए जाने को शनिवार को मंजूरी दी। एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे। पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए।
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