NSA अजित डोभाल का जन्मदिन आज (सोर्स: सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी आंख कहे जाने वाले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल का आज यानी 20 जनवरी 2025 को 80वां जन्मदिन है। डोभाल को देशभर में भारत के जेम्स बॉन्ड के नाम से भी जाना जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपना जीवन देश की सुरक्षा के लिए समर्पित किया। जो सालों तक दुश्मनों के बीच रहा और सेना को खुफिया जानकारी देता रहा। कहा जाता है कि अजित डोभाल ने देश की रक्षा के लिए अपने जीवन के करीब 40 साल गुमनामी में गुजारे हैं।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी 1945 को जन्मे अजित डोभाल के पिता का नाम गुणानंद डोभाल है। वे सेना में बड़े अधिकारी थे। अजित की शुरुआती शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल में हुई। साल 1967 में उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की।
इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और साल 1968 में केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी बन गए। पुलिस में 4 साल सेवा देने के बाद उनको 1972 में भारत की खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी में शामिल किया गया।
भारत सरकार के पांचवें NSA और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष अजित डोभाल करीब 7 साल तक पड़ोसी देश पाकिस्तान में जासूस बनकर रहे। पाकिस्तान में वे एक मुसलमान बनकर रहे और किसी को भनक तक नहीं लगने दी कि वो एक हिंदू परिवार से आते हैं। पाकिस्तान में उन्होंने अंडरकवर ऑपरेटिव की तरह काम किया।
7 साल तक पाकिस्तान में कार्यकाल के दौरान डोभाल ने भारत के लिए खुफिया और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी जानकारी एकट्ठा करने में अहम भूमिका निभाई। वो अजित डोभाल ही थे जिन्होंने 15 बार भारतीय विमानों के अपहरण के खतरों को खत्म किया।
जून 1984 में पंजाब के स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानी समर्थकों से मुक्त कराने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। इसके कुछ समय बाद ऑपरेशन ब्लैक थंडर को अंजाम दिया गया। दरअसल ऑपरेशन ब्लू स्टार के करीब 4 साल बाद खालिस्तानी समर्थक एक बार फिर से स्वर्ण मंदिर के अकाल तख्त के पास पहुंच गए थे।
यही वो समय था जब भारत के मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एक बार फिर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान अजित डोभाल रिक्शेवाले के भेष में स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुए और अहम जानकारी भारतीय सेना को दी। अजित डोभाल ने ISIS आंतकियों के कब्जे से 46 भारतीय नर्सों को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में LoC के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हमला किया था। इस आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए। इसका बदला लने के लिए भारत ने पाकिस्तान में में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
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भारतीय जवानों ने 28-29 सिंतबर 2016 की दरमियानी रात पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को बर्बाद कर दिया था। कहा जाता है कि इस ऑपरेशन के मास्टर माइंड भी NSA अजित डोभाल थे। इसी वजह से डोभाल को भारत का जेम्स बॉन्ड तक कहा जाने लगा।