
नई दिल्ली: बाल मजदूरों की आवाज बनने वाले नोबेल शांति पुरस्कार से सन्मानित कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi Birthday) जिनका आज 68 वां जन्मदिन है। उनका जन्म मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में 11 जनवरी 1954 को हुआ था। कैलाश अब तक हजारों बाल मजदूरों को मजदूरी से मुक्ति दिलाकर उन्हें आगे पढ़ा रहे हैं। इसलिए उन्हें नोबेल पुरुस्कार भी मिला है। बाल श्रम के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ भी चलाते हैं।
कैलाश ने करियर की शुरुआत इलेक्ट्रानिक इंजीनियर के रूप में की थी। लेकिन उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में नौकरी छोड़कर बच्चों के अधिकारों के लिए अपना जीवन झोंक दिया। कैलाश ने बाल-मजदूरी को खत्म करने के उद्देश्य से 1981 में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की स्थापना की। वह ऐसा समय था, जब लोग यह मानने के लिए तैयार नहीं थे कि बच्चों के भी कुछ अधिकार होते हैं और बालश्रम समाज पर एक अभिशाप है।

उल्लेखनीय है कि, सत्यार्थी के नेतृत्व में बचपन बचाओ आंदोलन ने जगह जगह छापामार कार्रवाई कर अब तक 90 हजार से अधिक बच्चों को बंधुआ मजदूरी और गुलामी की जिंदगी से मुक्त कर उनका पुनर्वास करा चुके है। गैर-सरकारी संगठनों तथा कार्यकर्ताओं की सहायता से कैलाश सत्यार्थी ने हज़ारों ऐसी फैक्ट्रियों तथा गोदामों पर छापे पड़वाए, जिनमें बच्चों से काम करवाया जा रहा था। इस दौरान उन पर कई बार प्राणघातक हमले भी हुए, लेकिन उन्होंने अपना काम जारी रखा।

कैलाश सत्यार्थी ने ‘रगमार्क’ की शुरुआत की, जो इस बात को प्रमाणित करता है कि तैयार कारपेट (कालीनों) तथा अन्य कपड़ों के निर्माण में बच्चों से काम नहीं करवाया गया है। इस पहल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने में काफी सफलता मिली। कैलाश सत्यार्थी ने विभिन्न रूपों में प्रदर्शनों तथा विरोध प्रदर्शनों की परिकल्पना और नेतृत्व को अंजाम दिया, जो सभी शांतिपूर्ण ढंग से पूरे किए गए। इन सभी का मुख्य उद्देश्य आर्थिक लाभ के लिए बच्चों के शोषण के खिलाफ काम करना था।

इस पहल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने में काफी सफलता मिली। कैलाश सत्यार्थी ने विभिन्न रूपों में प्रदर्शनों और परिकल्पना एवं नेतृत्व को अंजाम दिया, जो सभी शान्तिपूर्ण ढंग से पूरे किए गए। बाल मजदूरी को लेकर और इससे उन्हें संगठित आंदोलन खड़ा करने में मदद मिली ।

भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के अधिकारों के लिए किये गए कार्य के लिए कैलाश सत्यार्थी को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सत्यार्थी ने अपना नोबेल पुरस्कार राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। इसके साथ डिफेंडर्स ऑफ डेमोक्रेसी अवॉर्ड, मेडल ऑफ इटैलियन सीनेट, रॉबर्ट एफ कैनेडी ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड, हार्वर्ड ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड, संतोकबा मानवतावादी पुरस्कार, वॉकहार्ट फाउंडेशन, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड(2019) मदर टेरेसा मेमोरियल अवार्ड और ऐसे कई अवार्ड से सम्मानित हैं।






