भारत के 9वें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा व ओमान के सुल्तान काबूस (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पूरा देश आज यानी 19 अगस्त को भारत के नौवें राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की जयंती मना रहा है। कहा जाता है कि वे काम के प्रति बहुत गंभीर और प्रतिबद्ध रहते थे। वे संसद के नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन करते थे और उनका बहुत सम्मान करते थे। राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल 1992 से 1997 तक रहा। देश के प्रति उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को आज भी याद किया जाता है। अब जबकि आज उनका जन्मदिन है, तो हम उनके जीवन से जुड़ा एक ऐसा किस्सा लेकर आए हैं जो शायद ही आपको पता हो।
साल 1994 की बात है जब डॉ. शंकर दयाल शर्मा राष्ट्रपति के तौर पर मस्कट गए थे। ओमान के राजा कभी भी विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट नहीं जाते, लेकिन जब डॉ. शंकर दयाल शर्मा मस्कट पहुंचे तो ओमान के सुल्तान काबूस खुद राष्ट्रपति को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे। यहां सुल्तान खुद उनकी सीट के पास गए और उन्हें को उनकी सीट से उठाकर नीचे उतारा।
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सुल्तान कबूस यहीं नहीं रुके। डॉ. शर्मा को लेने एयरपोर्ट पहुंची कार में ड्राइवर भी था, लेकिन ओमान के राजा ने उसे ड्राइविंग छोड़कर राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा को कार में बैठाकर खुद कार चलाने को कहा। बाद में जब मीडिया वालों ने सुल्तान से पूछा कि उन्होंने इतने प्रोटोकॉल क्यों तोड़े, तो सुल्तान का जवाब था कि मैं डॉ. शर्मा को लेने एयरपोर्ट नहीं गया, क्योंकि वे भारत के राष्ट्रपति थे। मैंने भारत में पढ़ाई की है और जीवन में बहुत कुछ सीखा है। जब मैं पुणे में पढ़ता था, तो डॉ. शर्मा मेरे प्रोफेसर थे और इसीलिए मैंने उनके लिए सारे प्रोटोकॉल तोड़ दिए।
सुल्तान कबूस के पिता मेयो कॉलेज, अजमेर के छात्र थे और उन्होंने अपने बेटे को भी पढ़ाई के लिए पुणे भेजा था। इस रोचक घटना को बताते हुए एक भारतीय अधिकारी ने मीडिया को बताया था कि सुल्तान के पास भारत में अपने छात्र जीवन की बहुत खूबसूरत यादें हैं और यही वजह है कि उनका हमेशा भारतीय समुदाय के लोगों के प्रति विशेष लगाव रहा।
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