संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Voter List Controversy: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन बुधवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में दो टूक कह दिया कि लोकसभा में SIR पर चर्चा नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने और चुनाव आयोग की स्वायत्तता का हवाला देते हुए उन्होंने विपक्ष को नियमों की याद दिलाई।
रिजिजू ने कहा कि संसद के नियम न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर चर्चा की अनुमति नहीं देते। इसके अलावा, चुनाव आयोग जैसी स्वायत्त संस्था के कार्यों पर सदन में बहस नहीं हो सकती। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा में भाग लें और संसदीय कार्यों को बाधित न करें। उधर, विपक्ष का आरोप है कि SIR के जरिए बिहार में बड़ी संख्या में मतदाताओं का नाम हटाया जा रहा है, जिससे लोकतांत्रिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
बुधवार को भी संसद में SIR को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया से बिहार के कई मतदाताओं का नाम बिना सूचना के हटा दिया गया है, जिससे उनका वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है। इस हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई और फिर गुरुवार तक के लिए टाल दी गई। मानसून सत्र में अब तक केवल ऑपरेशन सिंदूर और कुछ विधेयकों पर चर्चा हो सकी है।
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चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि 1 से 6 अगस्त तक SIR के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दल ने कोई औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विपक्षी दलों को 8 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है, जबकि अगली सुनवाई 12 अगस्त को होनी है। रिजिजू ने इसी संदर्भ में कहा कि अदालत में लंबित मामलों को संसद में उठाना नियमों का उल्लंघन होगा। बता दें कि विपक्ष के द्वारा मांग की गई थी कि संसद में बिहार में हुए एसआईआर पर चर्चा हो लेकिन इस पर संसद के द्वारा कहा गया है कि ये मामले पहले से माननीय न्याया