राहुल गांधी, तेजस्वी यादव (Image- Social Media)
Election Commission News: बिहार में एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर लगातार सियासत गर्म है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर एक सियासी बम फोड़ा था। जिसके बाद इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग अब खुद सामने आया और इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को सात दिन का अल्टीमेटम तक दिया है। चुनाव आयोग ने दो टूक कहा है कि राहुल गांधी या तो हलफनामा दें या फिर देश से माफी मांगे उनके पास तीसरा कोई विकल्प नहीं है।
इस पूरे मामले पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि चुनाव आयोग ने महागठबंधन, कांग्रेस तथा राजद के लोगों को करारा तमाचा मारा है। उन्होंने कहा कि यह जो संवैधानिक संस्था को लेकर भ्रम पैदा कर रहे हैं कि 7 करोड़ से ज्यागा लोगों के नाम आ गए।
भाजपा नेता ने कहा कि अगर किसी को लगता है नाम रह गया है तो अभी वक्त है नाम जुड़वा सकते हैं। चुनाव आयोग की नियत किसी का नाम काटने की नहीं है लेकिन, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हार के डर से अपने हार की जिम्मेदारी चुनाव आयोग पर थोपना चाहते हैं। शाहनवाज हुसैन ने आगे कहा कि जिस तरह की भाषा राहुल, लालू और तेजस्वी बोल रहे हैं ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आज, राहुल गांधी ने सासाराम से इंडिया गठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की। मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके दोनों चुनाव आयुक्तों ने यह कहकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की कि वे सत्ता पक्ष और विपक्ष में कोई अंतर नहीं करते। इसके विपरीत, मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए किसी भी तीखे सवाल का सार्थक जवाब नहीं दिया।
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उन्होंने आगे कहा कि अब बस यही मायने रखता है कि क्या चुनाव आयोग बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त, 2025 के आदेशों को अक्षरशः लागू करेगा? ऐसा करना संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग का कर्तव्य है।