नागपुर: नागपुर की एक सत्र अदालत ने बैंक घोटाला मामले (Bank Scam Case) में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के नेता सुनील केदार (Sunil Kedar) की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से शनिवार को इनकार कर दिया। इसके अलावा अदालत ने पिछले सप्ताह निचली अदालत द्वारा सुनाई गई पांच साल के कारावास की सजा को निलंबित करने संबंधी उनकी याचिका भी खारिज कर दी।
जिला न्यायाधीश आर.एस. पाटिल ने केदार की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। नागपुर की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 22 दिसंबर को केदार और पांच अन्य को 2002 के नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के गबन के लिए पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। केदार घोटाले के समय बैंक के प्रमुख थे।
अदालत ने छह दोषियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। केदार ने अपने वकील देवेन चव्हाण के माध्यम से सत्र अदालत में एक अर्जी देकर दोषसिद्धि और सजा को चुनौती दी थी, जिसपर शनिवार को सुनवाई हुई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि ‘होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड’ के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था।