एयर प्यूरिफायिर तो अमीरों का चोचला; दिल्ली के प्रदूषण पर बोले योगगुरु रामदेव (फोटो- सोशल मीडिया)
Baba Ramdev Remark on Air Purifier: दिल्ली-एनसीआर की हवा इस वक्त बेहद जहरीली हो चुकी है और लोग सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस गंभीर स्थिति के बीच योगगुरु बाबा रामदेव ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने सबको चौंका दिया है। जहां लोग खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए एयर प्यूरिफायर खरीद रहे हैं, वहीं बाबा रामदेव ने इसे महज अमीरों का चोचला करार दिया है। उन्होंने प्रदूषण से निपटने के लिए मशीनों की जगह एक सस्ता और देसी जुगाड़ सुझाया है, जो अब हर तरफ चर्चा का विषय बन गया है।
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि जब देश में विकास कार्य होंगे और तरक्की होगी, तो धूल का उड़ना तो लाजमी है। उन्होंने माना कि दिल्ली कभी-कभी गैस चैंबर जैसी बन जाती है, लेकिन उनका मानना है कि इसका समाधान महंगे एयर प्यूरिफायर नहीं हैं। उनका कहना है कि लोगों को अपने घरों में मोटे पर्दे डालकर रखने चाहिए और उन्हें हर 15-20 दिन में साफ करते रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने घर के अंदर रहकर अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे प्राणायाम करने की सलाह दी, ताकि शरीर अंदर से मजबूत बने।
एक तरफ जहां योगगुरु रामदेव इसे अमीरों का शौक बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ मेडिकल एक्सपर्ट्स की राय इससे अलग है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आलोक ने लोगों को सलाह दी थी कि वे बाहर निकलते समय एन-95 मास्क पहनें और घरों के अंदर इंडोर प्लांट्स के साथ एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। दिल्ली में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि प्रशासन को ग्रैप-3 लागू करना पड़ा है। इसके तहत 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने और स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर चलाने के सख्त आदेश दिए गए हैं। बुजुर्गों और बच्चों को खास तौर पर घर के अंदर ही रहने को कहा गया है।
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सरकारी आंकड़े स्थिति की गंभीरता को बयां कर रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, शनिवार को इस साल की सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जिसने 11 नवंबर के 428 एक्यूआई वाले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। 24 घंटे का औसत एक्यूआई 431 रहा और रविवार को भी इसके गंभीर श्रेणी में बने रहने का अनुमान है। शिक्षा निदेशालय, एमसीडी और एनडीएमसी ने भी सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अगले आदेश तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में क्लास चलाने का निर्देश दिया है, ताकि बच्चों की सेहत पर असर न पड़े।