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वाराणसी : प्रधानमंत्री (Prime Minister) के संसदीय क्षेत्र (Parliamentary Constituency) वाराणसी (Varanasi) की आबोहवा अब पहले से बेहतर होने लगी है। अक्टूबर (October) महीने में करीब बीस दिन वाराणसी ग्रीन जोन (Green Zone) में था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में वाराणसी प्रदूषण (Pollution) नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। वाराणसी की वायु स्वच्छ होने के पीछे यहां हरियाली का बढ़ना, सड़को पर सफाई होना और निर्माण कार्यों में सख्ती से नियमों का पालन कराना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वाराणसी की आबोहवा अब स्वच्छ होने लगी है। पिछले कई महीनों से वाराणसी में वायु प्रदूषण नियंत्रण में है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आकड़ो के अनुसार अक्टूबर महीने में चार दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से कम पाया गया। जबकि सोलह दिनों तक ये 100 से कम रहा। ऐसे में वाराणसी में आम लोगों के साथ ही पर्यटकों के लिए खुले में सांस लेना पूरी तरीके से सुरक्षित है।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष के मुताबिक वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स को देखने पर पता चलता है। पिछले करीब चार महीने की औसत आंकड़ें भी हमे ग्रीन जोन की ओर ले जा रहे है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छे संकेत है।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि नगर निगम समेत कई विभागों का समन्वय अच्छा है। जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि वाराणसी के सड़को पर रातों में झाड़ू लगना, समय-समय पर पानी का छिड़काव करना, निर्माण कार्य के लिए नियमों का सख्ती से पालन कराना आदि है। इसके साथ ही वाराणसी में तेजी से बढ़ रही हरियाली भी वायु प्रदूषण को रोकने में काफी मददगार साबित हो रही है।






