पुलिस हिरासत में निकिता सिंघानिया (सोर्स: सोशल मीडिया)
बेंगलुरु: इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार की गई उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां और भाई ने उनके खिलाफ दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जमानत के लिए आज यानी शुक्रवार को यहां एक स्थानीय अदालत का रुख किया।
जानकारी दें कि, इनके खिलाफ अतुल के भाई बिकास कुमार द्वारा मराठहल्ली पुलिस थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। वहीं अब उन्होंने जमानत की अर्जी दाखिल की है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया को सोमवार को अग्रिम जमानत दे दी थी।
पता हो कि, सुभाष ने अपनी पत्नी और उसके परिवार द्वारा कथित उत्पीड़न के बाद बीते 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मामले पर बताया कि निकिता को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को बीते 14 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर सुभाष को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
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इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को बेंगलुरु लाकर स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मामले पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, ‘‘निकिता, उसकी मां और भाई ने बृहस्पतिवार को स्थानीय अदालत में संयुक्त जमानत याचिका दायर की। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।”
जानकारी दें कि, सुभाष का शव बीते नौ दिसंबर को दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में उसके घर पर फंदे से लटका मिला था। सुभाष ने वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि उनसे अलग रह रही उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने ‘‘झूठे” मामलों में फंसाकर और ‘‘लगातार उत्पीड़न कर” उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया।
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जानकारी दें कि, अतुल सुभाष मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और बेंगलुरु के मुननेकला इलाके में रहा करते थे। वह बीते 9 दिसंबर को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। वहीं घटना के बाद उनके भाई ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया ता कि निकिता और उसके परिवार ने अतुल से 3 करोड़ रुपये की मांग की थी, ताकि वे उनके खिलाफ दायर मामलों को वापस ले लें। इसके अलावा, बेटे से मिलने के लिए उनसे 30 लाख रुपये अलग से भी मांगे गए थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)