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एनटी रामाराव : दामाद ने हथिया ली पार्टी, देखते रह गए एक दर्जन बेटे-बेटियां

एक दर्जन बच्चों वाले राजनेताओं में अक्सर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को गिना जाता है, लेकिन आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव के भी 12 बच्चे थे, जो फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में सक्रिय रहे।

  • By विजय कुमार तिवारी
Updated On: May 28, 2024 | 03:47 PM

एनटी रामाराव (डिजाइन फोटो)

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नवभारत डेस्क : आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रसिद्ध फिल्म कलाकार एनटी रामाराव की कहानी भी काफी दिलचस्प है। सिने जगत से राजनीति में एंट्री करने वाले एनटी रामाराव ने आंध्र प्रदेश में पहली बार गैर कांग्रेसी बनाकर राजनीति में अपनी धाक जमायी थी, हालांकि वह आंध्र प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन इस दौरान उनके कार्यकाल के कई विवादित पहलू भी रहे। एक और जहां उनका पार्टी के नेताओं से चुनौती मिली, वहीं उनके दामाद ने भी उनकी दूसरी शादी का विरोध करते हुए पूरी पार्टी हथिया ली और वे चाह कर भी कुछ ना कर सके।

आमतौर पर देखा जाता है जब भी किसी राजनेता के एक दर्जन बच्चों की कहानी सुनाई जाती है तो केवल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का नाम लिया जाता है, लेकिन आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव के भी एक दर्जन बच्चे थे, जिनमें आठ लड़के और चार लड़कियां थीं। एनटी रामा राव ने भी अपने सभी बच्चों को या तो फिल्म जगत में सेट किया या फिल्म जगत से होते हुए राजनीति में आने की राह बनाई। आज भी उनके बेटे और उनकी अगली पीढ़ी फिल्म और राजनीति की दुनिया में सक्रिय है।

एनटी रामाराव की अलग अलग भूमिकाएं (सौ. सोशल मीडिया)

28 मई 1923 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में पैदा हुए और राज्य में कांग्रेस के आधिपत्य को तोड़ने वाले एन.टी. रामाराव ने वर्ष 1982 में तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की। जब एन.टी. रामाराव ने राजनैतिक पारी की शुरूआत की तो उस समय वह राज्य के एक बड़े लोकप्रिय अभिनेता थे। वर्ष 1983 में सर्वसम्मति से एन.टी. रामा राव को तेलुगु देशम विधायक दल का नेता चयनित किया गया और 9 जनवरी 1983 को उन्होंने आंध्र प्रदेश के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

एक दर्जन बच्चों का पारिवारिक
बताया जाता है कि मई 1943 में केवल 20 वर्ष की आयु में उनका विवाह तब करवा दिया गया, जब वे अभी इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे थे। एनटी रामाराव ने अपने मामा की बेटी श्रीमती बसव राम तारकम से विवाह किया। इस विवाह से कुल बारह बच्चे हुए, जिनमें आठ बेटे और चार बेटियां शामिल थीं। इनके बच्चों के नाम हैं: रामकृष्ण सीनियर, जयकृष्ण, साईकृष्ण, हरिकृष्ण, मोहनकृष्ण, बालकृष्ण, रामकृष्णा जूनियर, जयशंकरकृष्णा, गरपति लोकेश्वरी (बेटी), दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (बेटी), नारा भुवनेश्वरी (बेटी), और कांतामनेनी उमामहेश्वरी (बेटी)।

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हालांकि उनकी पहली पत्नी श्रीमती बसव तारकम की 1985 में कैंसर से मृत्यु हो गई। इसीलिए उनकी याद में, एनटी रामाराव ने 1986 में हैदराबाद में बसवतारकम इंडो-अमेरिकन कैंसर अस्पताल की स्थापना करायी है, जहां पर कैंसर का इलाज किया जाता है। इसके बाद साल 1993 में एनटीआर ने तेलुगु लेखिका लक्ष्मी पार्वती से दूसरा विवाह किया। यह संबंध लगभग तीन साल तक एनटीआर की मृत्यु तक चला।

एनटी रामाराव की अलग अलग तस्वीरें (सौ. सोशल मीडिया)

ऐसा रहा बच्चों का करियर
एनटीआर के सबसे बड़े बेटे, नंदमुरी रामकृष्ण सीनियर एक फिल्म कलाकार थे। वह 18 साल की आयु में मर गए। वह 1962 में एक फिल्म ‘इरुगु पोरुगु’ की शूटिंग कर रहे थे। राव ने उनकी याद में नचाराम में फिल्म स्टूडियो रामकृष्ण स्टूडियो की स्थापना की।

एनटीआर के दूसरे बेटे नंदमुरी जयकृष्ण एक फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर और निर्माता हैं। उनके बेटे नंदमुरी चैतन्य कृष्ण भी एक फिल्म निर्माता के रूप में काम कर रहे हैं। वहीं एनटीआर के तीसरे बेटे नंदमुरी साईकृष्णा हैं, जो एक थिएटर के मालिक थे। उनको डाइबिटीज की बीमारी थी। साल 2004 में उनकी भी बीमारी से मौत हो गयी।

एनटी रामाराव के चौथे बेटे नंदमुरी हरिकृष्णा की 29 अगस्त 2018 को एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। वह एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म में आए थे। बाद में वे एक राजनेता बने। वह टीडीपी से राज्यसभा सांसद भी चुने गए थे। हरिकृष्णा के बेटे नंदमुरी कल्याण राम और एन. टी. रामा राव जूनियर भी तेलुगु सिनेमा में अभिनेता के रूप में सक्रिय हैं।

एनटीआर के पांचवें बेटे नंदमुरी मोहना कृष्णा एक छायाकार हैं, और उनके बेटे तारक रत्न भी एक अभिनेता थे, जिनकी 2023 में मृत्यु हो गई। जबकि एनटीआर के छठे बेटे नंदमुरी बालकृष्णा 1980 के दशक के मध्य से टॉलीवुड में अग्रणी अभिनेताओं में से एक रहे हैं। उन्होंने भी अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी।

सातवें बेटे को रामकृष्णा जूनियर के नाम से जानते हैं। ये भी कई फिल्मों के प्रोड्यूसर के रूप में काम करते देखे गए। इसके अलावा आठवें बेटे जयशंकरकृष्णा भी अपना प्रोडक्शन हाउस चलाकर तेलुगु फिल्मों में सक्रिय रहे।

एनटी रामाराव के नाम पर सिक्का जारी करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व अन्य (सौ. सोशल मीडिया)

ऐसा रहा बेटियों का परिवार
एनटीआर की 4 बेटियों में से पहली गरपति लोकेश्वरी, एक हाउस वाइफ थी। एनटीआर की दूसरी बेटी दग्गुबाती पुरंदेश्वरी एक राजनीतिज्ञ हैं, जो फिलहाल भाजपा में शामिल हो गयी हैं। इसके पहले वह लोकसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुकी हैं। अन्य बेटियों में तीसरी बेटी भुवनेश्वरी की शादी पूर्व मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू से हुई है। एनटीआर की चौथी और सबसे छोटी बेटी उमा माहेश्वरी 1 अगस्त 2022 को हैदराबाद के जुबली हिल्स में अपने घर पर मृत पाई गईं थीं। पुलिस के अनुसार, उनकी मौत आत्महत्या के चलते हुयी थी, लेकिन पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था।

 

एनटी रामाराव के साथ दामाद चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)

दामाद ने किया पार्टी पर कब्जा
तेलंगाना की राजनीति की जानकार बताते हैं कि लक्ष्मी पार्वती से दूसरी शादी के बाद एनटी रामा राव के बेटे बेटियों का संबंध एनटी रामा राव से खराब होने लगा था, यहां तक की लक्ष्मी पार्वती सत्ता के भी कामकाज में दखल देने लगीं थीं। इसी के चलते उनके तीसरी बेटी के पति और पार्टी में काफी दिनों से सक्रिय रहे चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी पर अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी। उस समय चंद्रबाबू नायडू तेलुगू देशम पार्टी के जनरल सेक्रेटरी होने के साथ-साथ किसान विंग के मुखिया थे और उनकी पार्टी पर अच्छी पकड़ थी। जब पार्टी और परिवार के लोगों की बात मानने से एनटी रामा राव ने मना कर दिया तो चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी के सभी विधायकों को अपने साथ लेकर पार्टी पर कब्जा कर लिया। 1 सितंबर 1995 को चंद्रबाबू नायडू को विधायक दल का नेता चुने गये और वह उसी दिन मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो गए।

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Published On: May 28, 2024 | 07:59 AM

Topics:  

  • Andhra Pradesh Politics
  • Chandrababu Naidu

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