कांग्रेस SIR पर झूठ फैला रही सदन में बोले गृह मंत्री अमित शाह
Amit Shah Lok Sabha Speech: लोकसभा में बुधवार को चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। जब राहुल गांधी ने अपनी सीट से खड़े होकर अमित शाह को चुनौती दी, तो गृह मंत्री ने अपने अंदाज में करारा जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि सदन में आपकी मुंसिफगीरी नहीं चलेगी और उनके भाषण का क्रम कोई और तय नहीं कर सकता। शाह ने विपक्ष पर पिछले चार महीनों से झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया।
अमित शाह ने सदन में स्पष्ट किया कि देश के प्रधानमंत्री या किसी राज्य के मुख्यमंत्री का चुनाव घुसपैठिए तय नहीं कर सकते। एसआईआर यानी मतदाता सूची के शुद्धिकरण को उन्होंने चुनाव आयोग का संवैधानिक काम बताया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 324 और 326 के तहत आयोग को यह अधिकार मिला है। शाह ने याद दिलाया कि 2004 तक एसआईआर का कभी विरोध नहीं हुआ था, लेकिन अब बेवजह भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि इसका मकसद सिर्फ पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है और इसके लिए संसद में नियमों के तहत चर्चा होनी चाहिए।
भाषण के दौरान जब राहुल गांधी ने टोकते हुए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बहस की चुनौती दी, तो शाह बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि वे 30 साल से संसद और विधानसभा में चुनकर आ रहे हैं, लेकिन ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा। उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत दी कि वे जवाब देने का तरीका और समय खुद तय करेंगे। शाह ने तंज कसते हुए कहा कि वे राहुल के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देख रहे हैं, यह डरा हुआ रिस्पॉन्स है। उन्होंने साफ किया कि वे किसी के उकसावे में नहीं आएंगे और अपने क्रम से ही हर सवाल का जवाब देंगे।
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अमित शाह ने कांग्रेस के इतिहास को कुरेदते हुए जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री बनने को आजादी के बाद की पहली वोट चोरी करार दिया। उन्होंने इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के पुराने किस्सों का जिक्र करते हुए विपक्ष को आईना दिखाया। शाह ने कहा कि जब कांग्रेस कर्नाटक या हिमाचल में जीतती है तो ईवीएम और वोटर लिस्ट ठीक होती है, लेकिन हारते ही संस्थाओं पर सवाल उठाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक निष्पक्ष संस्था है और उस पर बेबुनियाद आरोप लगाना बंद होना चाहिए, क्योंकि हार का कारण नेतृत्व की कमजोरी है न कि चुनाव आयोग।