अखिलेश यादव (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
लखनऊः प्रदेश की राजधानी में बीते रोज पुलिस हिरासत में एक व्यापारी की मौत हो गई। मृतक मोहित पांडेय के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पीट-पीट उसको मौत के घाट उतार दिया। वहीं अब इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमो तीखी टिप्पणी की है।
उन्होंने सोशल हैंडल एक्स पर लिखा कि “उप्र की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस ‘हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)’ का दूसरा समाचार मिला है। नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए। पीड़ित परिवार की हर माँग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।”
पत्रकारों से बातचीत करते हुए यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश कस्टोडियल डेथ में सबसे ऊपर जा रहा है। सरकार जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है। पहले अमन गौतम की मौत हुई और आज एक और (मोहित पाडेंय) की मौत, अगर इस तरह प्रदेश की राजधानी में जान जा रही है तो प्रदेश में ऐसे अनेकों मामले मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये सरकार पुलिस से सरकार चलवाना चाहती है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि परिवार को न्याय मिले, परिवार की मांगों को मानना चाहिए और आर्थिक मदद करनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला मात्र 600 रुपये के लेनदेन को लेकर शुरु हुआ था। 32 वर्षयी मोहित की आदेश नाम के युवक के साथ 600 रुपये को लेकर झगड़ा हुआ। इसके बाद आदेश ने फोन कर पुलिस को बुला लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मोहित को पकड़कर थाने ले गई। सूचना के बाद मोहित का भाई शोभाराम उसे छुड़ाने थाने गया तो पुलिस ने उसे भी पकड़ कर लॉकअप में बंद कर दिया।
मृतक के भाई शोभाराम ने बताया कि रात में पुलिस ने मोहित और मेरी पिटाई की। जिससे मोहित पांडेय की मौत हो गई। वहीं जब हंगामा बढ़ा तो पुलिस ने 5 मिनट की सीसीटीवी फुटेज दिखाई। परिजनों का कहना है कि 17 घंटे से मोहित लॉकअप में बंद था। पुलिस मात्र 5 मिनट की सीसीटीवी दिखा रही है।