AIMIM के नेता और तेलंगाना विधानसभा के सदस्य अकबरुद्दीन ओवैसी (फोटो- सोशल मीडिया)
हैदराबाद: वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश के सियासी तापमान में एक बार फिर तेजी आई है। हैदराबाद के धरना चौक पर आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान AIMIM नेता और तेलंगाना विधानसभा सदस्य अकबरुद्दीन ओवैसी ने इस कानून के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुसलमान न तो अपनी शरीयत छोड़ेंगे, न हिजाब और न ही वक्फ की संपत्तियों पर अपने अधिकार से पीछे हटेंगे। यह बयान उस वक्त आया है जब वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर कई संगठनों ने चिंता जताई है और इसे अधिकारों पर चोट बताया है।
वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को लेकर हो रहे इस विरोध में कहा गया कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को बचाने की जगह उन्हें खत्म करने के लिए लाया गया है। AIMIM नेता ने कहा कि वे लोकतंत्र और कानून के दायरे में रहकर इस कानून का विरोध करेंगे और इसे वापस लेने की मांग करते रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि यह कानून सिर्फ एक समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश है, लेकिन वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
वक्फ कानून पर सीधी चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान AIMIM नेता ने स्पष्ट किया कि यह कानून मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर हमला है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ये सोचता है कि इस कानून से मुसलमान डर जाएंगे या पीछे हटेंगे, तो वो गलतफहमी में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शरीयत, हिजाब और वक्फ मुसलमानों की पहचान है, और इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
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सरकार पर गंभीर आरोप
नेता ने वक्फ संशोधन अधिनियम को एक साजिश करार देते हुए आरोप लगाया कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को नष्ट करने के उद्देश्य से बनाया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस कानून को तुरंत वापस लिया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इस कानून की संवैधानिकता को लेकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। बता दें कि AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन कानून का विरोध करते हुए कहा कि मुस्लिम अपने वक्फ अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे और पार्टी इस मुद्दे पर संघर्ष करती रहेगी।