विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, मार्को रुबियो (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज से तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रवाना होंगे। वह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के निमंत्रण पर 30 जून से दो जुलाई तक अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस दौरे के दौरान वह एक जुलाई को अमेरिका में होने वाली क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक (QFMM) में भी हिस्सा लेंगे।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर 30 जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘आतंकवाद की मानवीय कीमत’ शीर्षक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। यह प्रदर्शनी दुनिया भर में हुए भयावह आतंकवादी हमलों के विनाशकारी प्रभावों को दर्शाएगी और आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से उठाए गए प्रयासों को उजागर करेगी।
मंत्रालय ने जानकारी दी कि क्वाड (QUAD) बैठक के दौरान सदस्य देशों के विदेश मंत्री 21 जनवरी 2025 को वाशिंगटन डीसी में हुई पिछली क्वाड विदेश मंत्रिस्तरीय बैठक (QFMM) में हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाएंगे।
EAM S Jaishankar will also be inaugurating an exhibition titled “The Human Cost of Terrorism” at the United Nations Headquarters, New York, on 30 June 2025. The Exhibition will highlight the devastating toll of heinous terrorist acts around the world, and the steps taken by the… https://t.co/fcEtaV2ZbK — ANI (@ANI) June 29, 2025
इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर उभर रहे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। उनका उद्देश्य क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सहयोग को प्रोत्साहित करना होगा, जिससे साझा हितों और मूल्यों को मजबूती मिल सके।
At the invitation of US Secretary of State Marco Rubio, the External Affairs Minister (EAM) of India, Dr S Jaishankar, will undertake an official visit to United States of America from 30 June to 02 July 2025 to participate in the next edition of the Quad Foreign Ministers’… pic.twitter.com/bPii22G42u — ANI (@ANI) June 29, 2025
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क्वाड लीडर्स समिट से पहले, क्वाड देशों के विदेश मंत्री एक बैठक में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी भारत करेगा। इस बैठक में वे अब तक की विभिन्न क्वाड पहलों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र, समावेशी और मुक्त बनाए रखने के उद्देश्य से कुछ नई योजनाओं और सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने, क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने और साझा हितों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर मानी जा रही है। भारत की भूमिका इसमें एक अहम भाग होगी।