प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
SBI Bank Robbery: आंध्र प्रदेश में शनिवार देर रात करीब दो बजे अज्ञात चोरों ने बैंक में सेंध लगाकर 10 किलोग्राम सोना और 38 लाख रुपये नकद चुरा लिए। खास बात यह है कि चोरी के वक्त बैंक में कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं था, और इस शाखा में पिछले चार वर्षों से कोई चौकीदार नहीं रखा गया था।
इस सनसनीखेज वारदात की जानकारी पुलिस को सोमवार को मिली, जिसके बाद जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हिंदूपुर उपसंभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) के वी महेश ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि चोर लगभग दो घंटे तक बैंक परिसर में रहे। चोरों ने सबसे पहले बैंक की सीसीटीवी निगरानी प्रणाली को निशाना बनाया और फुटेज डिलीट कर दिए।
हालांकि पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज हासिल हुए हैं, जिनमें एक व्यक्ति बैंक में घुसते हुए देखा गया है। इसके बाद संभवतः बाकी चोर अंदर आए। पुलिस को शक है कि चोरी सुनियोजित और गहरी तैयारी के साथ की गई है। बैंक की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर पाई गई है। अधिकारी महेश के अनुसार, बैंक में एक बड़ी खिड़की है, जिसमें केवल दो-तीन पतली ग्रिल लगी हुई हैं जिन्हें हाथों से भी मोड़ा जा सकता है। चोरों ने इसी खिड़की का इस्तेमाल कर भीतर घुसने की संभावना जताई जा रही है। इस शाखा की सुरक्षा को लेकर बैंक प्रबंधन की लापरवाही भी उजागर हुई है, क्योंकि चार साल से यहां कोई भी नाइट गार्ड तैनात नहीं किया गया।
चोरी की इस वारदात ने बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह से चोरों ने सीसीटीवी सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया और बिना किसी रोकटोक के दो घंटे तक बैंक के अंदर रहे, वह यह दर्शाता है कि बैंक की साइबर और फिजिकल सिक्योरिटी सिस्टम पूरी तरह विफल रहा।
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आंध्र प्रदेश पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल घटनास्थल से मिले साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। साथ ही, स्टेट बैंक के कर्मचारियों और अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और बैंक ग्राहकों में भारी आक्रोश और डर का माहौल है। लोग यह जानना चाहते हैं कि बैंक जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगह पर अगर इस तरह की लापरवाही संभव है, तो उनका पैसा और आभूषण कितने सुरक्षित हैं?