सर्दियों में कम पानी पीना (सौ. फ्रीपिक)
Why Water is Important in Winter: सर्दियों का समय ज्यादातर लोगों को बहुत ही खूबसूरत लगता है लेकिन यह मौसम उतना ही शरीर के लिए खतरनाक भी हो सकता है। इस मौसम में सबसे बड़ा खतरा डिहाइड्रेशन हो सकता है। गर्मियों में लगातार प्यास लगने की वजह से हम पानी पीते रहते हैं लेकिन तापमान गिरते ही प्यास लगना कम हो जाती है।
जानकारी के अनुसार सर्दियों में कम पानी पीने की आदत कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। सर्दियों में हवा की नमी भी बहुत कम होती है। जिसकी वजह से प्यास नहीं लगती है और हम अनजाने में डिहाइड्रेशन का शिकार होने लगते हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार ठंड के मौसम में शरीर के अंदर खून की नसें सिकुड़ जाती हैं। यह प्रक्रिया शरीर की गर्मी को बचाने के लिए होती है। जब नसें सिकुड़ती हैं तो दिमाग तक खून का प्रवाह भी कम हो जाता है। ऐसे में प्यास को महसूस करने वाला दिमाग का सेंटर शरीर में पानी की कमी का सटीक आकलन नहीं कर पाता। इसके चलते हमें कम प्यास महसूस होती है जबकि असल में शरीर को पानी की जरूरत उतनी ही होती है जितनी गर्मियों में होती है। इसे वैज्ञानिक रूप से थर्मल डिहाइड्रेशन कहा जाता है।
जब हम ठंडी हवा सांस के माध्यम से अंदर लेते हैं और गर्म हवा बाहर छोड़ते हैं तो शरीर से पानी वाष्प के रूप में बाहर निकलता है। इस प्रक्रिया को रेस्पिरेटरी फ्लूइड लॉस कहा जाता है। यह पानी की कमी हमें दिखाई नहीं देती लेकिन शरीर धीरे-धीरे डिहाइड्रेट होने लगता है।
इसके अलावा भारी कपड़े और स्वेटर पहनने से हल्का पसीना आता है जो सूखी हवा में जल्दी सूख जाता है। इसलिए हमें यह एहसास नहीं होता कि हमारा शरीर लगातार पानी खो रहा है।
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घर या ऑफिस में इस्तेमाल होने वाले हीटर और ब्लोअर भी हानिकारक साबित हो सकते हैं। ये उपकरण हवा की नमी को सोख लेते हैं जिससे हमारी त्वचा, गले और नाक से अतिरिक्त नमी बाहर निकल जाती है। यही कारण है कि सर्दियों में अक्सर मुंह सूखना या गले में खराश जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
इसके अलावा कई लोग ठंड से राहत पाने के लिए चाय या कॉफी जैसी गर्म ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं। हालांकि ये पेय गर्मी तो देते हैं लेकिन शरीर को पानी की कमी पूरी तरह से नहीं भरते और अधिक कैफीन लेने से डिहाइड्रेशन और बढ़ सकता है।
सर्दियों में खुद को हाइड्रेट रखने की कुछ आसान आदतों को अपनाकर इन समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सुबह के समय गुनगुना पानी पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम सक्रिय रहता है और पूरे दिन पानी पीने की आदत बनाए रखें। पानी की बोतल को अपने नजरों के सामने रखें और हर 90 मिनट में पानी पीने का अलार्म लगाएं। खाने में पानी से भरपूर चीजें जैसे खीरा, तरबूज, सूप, संतरा और अंगूर को शामिल करें। चाय और कॉफी से पहले एक गिलास पानी जरूर पिएं जिससे कैफीन के कारण शरीर का पानी संतुलन बिगड़े नहीं।