सूर्यभेदी प्राणायाम (सौ. सोशल मीडिया)
Surya Bhedan Pranayama For Sinus Relief: सर्दियों का मौसम चल रहा है इस मौसम में ठंडे तापमान का असर कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाता है। इस कम तापमान की वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं खड़ी हो जाती है। इसमें हाथ-पैर ठंडे पड़ना, बार-बार जुकाम, सिरदर्द और जोड़ों में दर्द की समस्या सबसे आम समस्या है। इन आम समस्याओं के लिए कई लोग दवाईयों का सहारा लेते है लेकिन यह कई मायनों में सही नहीं होता है।
आप योगासन और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल कर इन समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। सर्दियों में सूर्यभेदन प्राणायाम का अभ्यास बेहद लाभकारी है। यह प्राणायाम करने से शरीर को अंदरूनी और बाहरी रूप से फायदा मिलता है।
योगा एक्सपर्ट बताते है कि, सबसे कारगर और सरल उपाय सूर्यभेदन प्राणायाम है। यह प्राणायाम शरीर के अंदरूनी हिस्सों में गर्माहट बढ़ाता है जिससे सर्दी-जुकाम की समस्या हल हो जाती है। इसे ‘सूर्य नाड़ी’ (पिंगला नाड़ी) को सक्रिय करने वाला प्राणायाम कहा जाता है, जो दाहिनी नासिका से किया जाता है।
यहां पर योग एक्सपर्ट बताते है कि, प्राणायाम को करने का तरीका आसान है। इसके लिए सुखासन, पद्मासन या किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें। बाईं नासिका को अंगूठे से बंद करें और दाहिनी नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लें। सांस भरने के बाद दोनों नासिकाएं बंद कर कुछ सेकंड तक रोके रखें। इसके बाद बाईं नासिका से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। यह एक चक्र है। रोजाना 10-15 चक्र सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए। अगर आप इस तरीके से रोज सुबह 10-15 मिनट सूर्यभेदन प्राणायाम करते है तो,प्राणायाम करने से शरीर गर्म रहता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और मौसमी बीमारियां दूर रहती हैं।
आपको बताते चलें कि, सूर्यभेदन प्राणायाम को सही तरीके से करने के कई फायदे आसानी से मिल जाते है। इस योग का अभ्यास करने से सर्दी-जुकाम, नाक बंद होना और साइनस की समस्या में राहत मिलती है। इस प्राणायाम को करने से सर्दी-जुकाम, नाक बंद होना और साइनस की समस्या में राहत देता है। यह सिरदर्द और माइग्रेन में बहुत प्रभावी है। इससे वात दोष से होने वाले जोड़ों के दर्द, गठिया और कमर दर्द में आराम मिलता है। यह आसन को करने से पाचन क्रिया भी आसान हो जाती है। यह पेट के कीड़े (परजीवी) नष्ट कर पाचन तंत्र को मजबूत करता है। जबकि, शरीर का आंतरिक तापमान बढ़ाकर ठंड से बचाता है। यह प्राणायाम कुंडलिनी जागरण और मानसिक एकाग्रता में मदद करता है।
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कई लोग ऐसे है जिन्हें सूर्यभेदन प्राणायाम नहीं करना चाहिए।हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों, हृदय रोगियों, गर्मी या पित्त प्रकृति वाले लोगों के साथ ही तेज बुखार से पीड़ित व्यक्ति को भी सूर्यभेदन प्राणायाम के अभ्यास से परहेज करना चाहिए।
आईएएनएस के अनुसार