सरसों का तेल (सौ. सोशल मीडिया)
आजकल कई बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है जिसके लिए हमारा मिलावटी खानपान और अनियमित लाइफस्टाइल जिम्मेदार होती है। हम जो भी खानपान लेते है वह शुद्धता के स्तर कम ही अच्छा होता है। खाना बनाने के लिए सोयाबीन तेल के अलावा सरसों का तेल, मूंगफली का तेल भी इस्तेमाल करते है। हाल ही में स्टडी में खुलासा हुआ है कि, सरसों का तेल भी अब मिलावटी हो गया है जो शुद्धता के पैमाने पर खरा नहीं उतरता है।
सरसों का तेल हम खानपान के लिए करते हैं तो, यह गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। बताया जाता है कि, सरसों का तेल कई बिन बुलाई बीमारियों को जन्म देता है जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है। चलिए जानते हैं किन बीमारियों का खतरा बढ़ाता है और कौन सा केमिकल इस सरसों के तेल में मिला होता है।
यहां पर दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. गीतांजलि सिंह ने सरसों के तेल को मिलावटी करार दिया है। बताया कि, सरसों का मिलावटी तेल दिखने में असली जैसा लगता है, लेकिन इसमें मौजूद हानिकारक पदार्थ जैसे अर्गेमोन ऑयल मिला होता है जिसका असर आपकी सेहत पर पड़ता है। वहीं पर सरसों के तेल में केमिकल के अलावा सस्ते ऑयल जैसे राइस ब्रान ऑयल, पाम ऑयल या अर्गेमोन (सत्यानाशी) तेल, और केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जिससे वह बेहद खतरनाक हो जाता है।
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आपको बताते चलें, यहां पर सरसों का तेल अगर आप करते हैं तो इसमें मिलावटी पन की वजह से सेहत को नुकसान पहुंचता है। अगर आप मिलावट वाले सरसों के तेल का इस्तेमाल करते है तो आपको कई प्रकार की गंभीर बीमारियां घेर लेती है।
इसलिए आप ऑर्गेनिक सरसों का तेल इस्तेमाल करें इनमें केमिकल की मात्रा नहीं होती है।