दांत दर्द के उपाय (सौ. सोशल मीडिया)
Home Remedies for Teeth: दांतों का दर्द भले ही दिखाई नहीं देता है लेकिन कई बार खाना खाते वक्त झनझनाहट, ठंडा गरम का अहसास या काम के बीच अचानक चुभन आदि लाइफस्टाइल को प्रभावित करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार दांतों को स्वस्थ रखने से सिर्फ मुंह ही नहीं बल्कि पूरा शरीर स्वस्थ रहता है। बैक्टीरिया, इंफेक्शन, मसूड़ों की सूजन और एनेमल डैमेज दांत दर्द का मुख्य कारण होता है। इसे आप घर पर मौजूद कुछ चीजों के इस्तेमाल से दूर कर सकते हैं।
दांत दर्द के घरेलू उपचारों में लौंग का तेल फर्स्ट एड की तरह काम करता है। आयुर्वेद में इसे दांत के दर्द कम करने वाली औषधि कहा गया है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल दांत की नसों पर हल्की सुन्नता लाकर दर्द की तीव्रता को घटाता है। जब इसे रुई में लगाकर प्रभावित हिस्से पर रखा जाता है, तो यह मसूड़ों में सूजन फैलाने वाले एंजाइम को शांत करता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि यूजेनॉल बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है।
दांत के दर्द में नमक के पानी से कुल्ला करना बेहद प्रभावी प्रक्रिया है। गुनगुना नमक वाला पानी दांतों और मसूड़ों के अंदर मौजूद सूक्ष्म जीवों पर ऑस्मोटिक प्रेशर बनाता है, जिससे बैक्टीरिया डिहाइड्रेट होकर कमजोर पड़ते हैं। इसके साथ यह मसूड़ों की सतह पर जमा गंदगी और प्लाक को ढीला करता है, जिससे दर्द पैदा करने वाली जलन कम होती है। यह कुल्ला मसूड़ों के ऊतकों में रक्त प्रवाह बढ़ाकर हीलिंग भी तेज करता है, जिससे शुरुआती सूजन में काफी राहत मिलती है।
दांत दर्द में लहसुन का पेस्ट तेजी से असर करता है। लहसुन की एक कली को पीसने पर उसमें मौजूद एलिसिन सक्रिय हो जाता है, जो बैक्टीरिया की सेल वॉल को तोड़कर उन्हें निष्क्रिय करता है। यह प्रक्रिया दर्द को फैलने से रोकती है और पहले से मौजूद सूजन को भी कम करती है। जब यह पेस्ट दर्द वाली जगह पर लगता है, तो इसकी गर्म प्रकृति वहां के रक्त संचार को बढ़ाती है और नसों में तनाव को कम करती है।
यह भी पढ़ें:- रील्स देखने की लत क्या सच में दिमाग कर रही है स्लो ? जानें कैसे असर करता है ये पैटर्न
दांत दर्द में प्याज का रस अप्रत्याशित रूप से मददगार है। प्याज में सल्फर कंपाउंड्स होते हैं, जो मुंह में मौजूद हानिकारक माइक्रोब्स के चक्र को रोकते हैं। जब ताजा प्याज का छोटा टुकड़ा धीरे-धीरे चबाया जाता है, तो उसका रस दांतों की जड़ों तक पहुंचकर वहां मौजूद संक्रमण के स्तर को नियंत्रित करता है। यह प्रक्रिया दर्द को बढ़ाने वाले केमिकल्स को शांत करती है और मसूड़ों की अंदरूनी सूजन को कम करती है।
दांत दर्द के आयुर्वेदिक उपचारों में गुड़हल की पत्तियों का भी जिक्र है। ये पत्तियां मसूड़ों की लालिमा और इंफेक्शन को कम करने में मदद करती हैं क्योंकि इनमें प्राकृतिक एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। जब पत्तियों का पेस्ट मसूड़ों पर लगता है, तो यह उसकी सूजन को शांत करता है और ऊतकों को नरमी देकर हीलिंग प्रोसेस को तेज करता है।
दांतों की सूजन में विशेष रूप से हल्दी के पेस्ट को लाभकारी माना गया है। हल्दी का करक्यूमिन मसूड़ों में मौजूद इंफ्लेमेटरी प्रोटीन को ब्लॉक करता है और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। यह पेस्ट जब प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जाता है, तो यह दर्द, गर्मी और जलन को एक साथ काम करता है, जिससे कुछ ही मिनटों में आराम महसूस होने लगता है।