कैंसर इम्यूनोथेरेपी (सौ.सोशल मीडिया)
Cancer Immunotherapy: कैंसर, दुनिया की सबसे बड़ी और गंभीर बीमारियों में से एक होती है जो शरीर में अंदरुनी रूप से वार करती है। कैंसर से प्रभावित व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओं में जब विसंगतियां आ जाती है तो कैंसर पूरे अंग को प्रभावित करता है। कैंसर के मामले जहां पर लगातार बढ़ते जा रहे है वहीं पर इसका निदान खोज पाना स्वास्थ्य विशेषज्ञ के हाथों में नहीं है। कैंसर के इलाज के लिए आपको कीमोथेरेपी के बारे में तो जानकारी होगी ही लेकिन क्या आपने ‘इम्यूनोथेरेपी’ के बारे में सुना है। यह थेरेपी कितनी प्रभावी होती है और रामबाण है चलिए जानते हैं।
इसे लेकर अमेरिका के बर्मिंघम एंड वुमेन हॉस्पिटल में कोलोरेक्टल कैंसर और एंड्रोमेट्रियल कैंसर के 1,655 मरीजों पर की गई रिसर्च के अनुसार कैंसर इम्यूनोथेरेपी को बहुत ही कारगर माना गया है। यह वह थेरेपी होती है जिसमें कैंसर की बीमारी से बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाली सेल्स कम हो जाती है। कोशिकाओं को फिर से जीवंत करने और मजबूती देने के लिए यह खास थेरेपी इम्यूनोथेरेपी को अपनाया जाता है। यह थेरेपी एक तरह से शरीर के इम्यून सिस्टम का उपयोग करते हुए कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में मदद करती है।
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यहां पर इस कैंसर इम्यूनोथेरेपी को समझें तो, यह हमारे शरीर की मृत कोशिकाओं को सक्रिय करने का काम करती है। कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी से अच्छी इसे माना जाता है। इस थेरेपी को कब लेना चाहिए और कब इसका फायदा मिल सकता है। इस बात को जानें तो, यह कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। इस थेरेपी को दरअसल, कैंसर के स्टेज-4 में ही इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है साइड इफेक्ट्स भी अब तक सामने नहीं आए है।
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इसे लेकर समझें तो, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(ICMR), राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 5 साल बाद देश में कैंसर के केस में 12% तक का इजाफा हो सकता है। ऐसे में अगर इम्यूनोथेरेपी सफल होती है और भारत आती है तो कैंसर के मरीजों को काफी राहत मिल सकती है।