मातृ नवमी 2024 की पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Matru Navami Puja: पितृपक्ष का दौर चल रहा है इन दिनों में वंशज, अपने पितरों की पूजा और श्राद्ध का नियम विशेष तिथियों पर किया जाता है। वैसे तो पितृ पक्ष में महिला और पुरुष पितरों दोनों के लिए अनुष्ठान करने के नियम होते हैं लेकिन आज बुधवार को मातृ नवमी मनाई जा रही है। इस नवमी पर महिला पितरों की आत्मा की शांति और प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध के नियम किए जाते है।
कहते हैं आप पूजा के नियमों के साथ मातृ नवमी पर महिला पितरों के लिए पूजा और उनके प्रिय भोजन का भोग लगाते हैं तो इसका लाभ मिलता है।
यहां पर महिला पितरों की शांति के लिए आप इस विधि से पूजा कर सकते है। इसकी विधि इस प्रकार है…
1- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान के बाद सफेद वस्त्र धारण करें।
2-घर की दक्षिण दिशा में एक चौकी स्थापित करें। उस चौकी पर स्वच्छ सफेद कपड़ा बिछाएं।
3- इसके बाद आप अपनी मातृ पितरों की तस्वीर चौकी पर स्थापित करें। तस्वीर पर फूल माला अर्पित करें।
4-काले तिल को सरसों के तेल में मिलाकर उसका दीया जलाएं। धूपबत्ती भी इस दिन जलाएं।
5- मातृ पितरों की तस्वीर के आगे तुलसी के पत्ते अवश्य रखें। इससे उन्हें शांति प्राप्त होती है।
6-इसके बाद मातृ पितरों का स्मरण करते हुए श्रीमद्भाभागवत गीता का संपूर्ण पाठ करें।
7-इस दिन घर पर जो भी आपकी मातृ पितरों को प्रिय था वह बनाएं। इससे वह प्रसन्न होंगी।
8-प्रिय व्यंजन में भी भोजन सात्विक ही होना चाहिए। तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए।
9-फिर सबसे पहले भोजन गाय को खिलाएं, इसके बाद कौवे को भी भोजन कराएं।
10-फिर मंदिर में पंडित को भोजन कराएं या फिर ब्राह्मण भी आप घर पर जमा सकते हैं।
11-गाय, कौवे और ब्राह्मण के बाद ही आपको भोजन करना है। उससे पहले कुछ न खाएं।
12-आखिर में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितृ सूक्त का पाठ करें और भोजन पाएं।
अगर आप आज मातृ नवमी पर कुछ बातों का ख्याल नहीं रखते हैं तो पूजा सफल नहीं होती है।
1- मातृ नवमी के दिन अगर श्राद्ध कर्म नहीं कर रहे होते हैं तो ये आपके लिए शुभ नहीं माना जाता है और ये आपके घर में पितृ दोष का कारण बन सकता है। क्योंकि इस दिन महिला पितर को खुश करना जरूरी होता है।
2- अगर आप मातृ नवमी पर विशेष रूप से अनुष्ठान करते हैं तो, फायदा मिलता है बजाय गलत समय पर किए गए श्राद्ध कर्म के।
3-मातृ नवमी पर पूजा करने के नियम होते हैं जिनका पालन आपको करना चाहिए। महिला पूर्वजों के लिए श्राद्ध करें और उनकी पृथ्वी से विदाई करने के साथ शांति की प्रार्थना करें।