हरियाणा से भाजपा राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा (फोटो- सोशल मीडिया)
चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर हरियाणा से भाजपा राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने ऐसा बयान दिया है, जिसने देशभर में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं हमले में अपने पति खो बैठीं, उनमें से किसी में भी वीरांगनाओं जैसा जोश नहीं था, इसलिए 26 लोगों की जान गई। इतना ही नहीं, जांगड़ा ने ये भी कहा कि अगर यात्री प्रधानमंत्री की योजना के तहत ट्रेंड होते, तो इतने लोग नहीं मारे जाते। उनका यह बयान उस समय आया है जब देश अभी भी इस जघन्य और वीभत्स हमले से उबर भी नहीं पाया है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस नृशंस घटना के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक से ध्वस्त किया था। इस जवाबी कार्रवाई को लेकर देशभर में सराहना हो ही रही थी, लेकिन अब भाजपा सांसद के बयान ने एक नए विवाद को फिर जन्म दे दिया है और शोक के समय में राजनीतिक टिप्पणियों पर सवाल उठने लगे हैं।
यात्री लड़ते तो कम जानें जातीं
हरियाणा के भाजपा राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने भिवानी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर पहलगाम हमले के दौरान यात्रियों के पास लाठी-डंडे होते और वे आतंकवादियों पर टूट पड़ते, तो 26 नहीं, सिर्फ 5-6 जानें जातीं और हमले को वहीं रोका जा सकता था। उन्होंने प्रधानमंत्री की अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह युवाओं में साहस और सुरक्षा की भावना भरने के लिए है। उनका मानना है कि अगर ऐसी ट्रेनिंग आम यात्रियों को भी दी जाए, तो भविष्य में इस तरह की घटनाएं टाली जा सकती हैं।
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वीरांगनाओं जैसा जोश नहीं
जांगड़ा के सबसे ज्यादा आलोचना के केंद्र में वह बयान है, जिसमें उन्होंने हमले में अपने पति खो चुकी महिलाओं की भावना पर सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर उनमें वीरांगनाओं जैसा साहस होता, तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान न जाती। यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पीड़ित परिवार गहरे शोक में हैं। उनके इस बयान को असंवेदनशील और पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया जा रहा है।