हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में घोटाले का खुलासा (फोटो- सोशल मीडिया)
चण्डीगढ़: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में करोड़ों रुपये के सार्वजनिक धन के गबन की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में दो पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। चंडीगढ़ ईडी की टीम ने 9 जून 2025 को कार्रवाई करते हुए HSVP से जुड़े पूर्व अफसरों को गिरफ्तार कर पंचकूला कोर्ट में पेश किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने दोनों को पांच दिन की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। यह गिरफ्तारी आर्थिक अपराधों की दुनिया में एक और बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
इस घोटाले में HSVP के बैंक खातों के जरिए फंड के दुरुपयोग की बात सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े साक्ष्य जुटा रहा है। फिलहाल ईडी की टीम बैंक लेनदेन, दस्तावेजी साक्ष्य और संबंधित अधिकारियों के बीच हुई मेल-जोल की पड़ताल कर रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह घोटाला एक सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया जिसमें कई स्तरों पर धन का हेरफेर हुआ।
ED, Chandigarh has arrested Sunil Kumar Bansal and Ram Niwas, former officials of Haryana Shahari Vikas Pradhikaran (HSVP) (Erstwhile known as HUDA) on 9/06/2025 under the provisions of PMLA, 2002 in the case of misappropriation of public funds in HSVP bank accounts. The Hon’ble… pic.twitter.com/UO1RhVDgF7
— IANS (@ians_india) June 11, 2025
गिरफ्तारी से मचा प्रशासनिक हलचल
प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से जुड़े दो पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार कर बड़ा कदम उठाया है। यह कार्रवाई 9 जून को हुई, जब ईडी ने सुनील कुमार बंसल और राम निवास को सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तार किया। यह मामला प्राधिकरण के बैंक खातों से जुड़ा हुआ है, जिसमें कथित तौर पर भारी रकम का गबन किया गया था। दोनों को पंचकूला की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया गया।
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HSVP खातों से हुआ था धन का गबन
इस मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, वे प्रशासनिक तंत्र की गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। ईडी के मुताबिक, HSVP के बैंक खातों का दुरुपयोग कर बड़ी मात्रा में धन को निजी लाभ के लिए इधर-उधर किया गया। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून यानी PMLA, 2002 के तहत यह कार्रवाई की गई है। फिलहाल ईडी इन फंड ट्रांसफर और खातों की पूरी जांच में जुटी है, ताकि इस घोटाले से जुड़े हर व्यक्ति को कानून के दायरे में लाया जा सके।