हुड्डा, राहुल, राव नरेंद्र (फोटो- सोशल मीडिया)
Haryana Politics: हरियाणा में कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा का दबादबा अब भी कायम है। दो बार के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के लीडरशिप में कांग्रेस लगातार तीन विधानसभा चुनाव हार चुकी है। इसके बावजूद उन्हें एकबार फिर कांग्रेस आलाकमान बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रहा है। हुड्डा के अलावा राव नरेंद्र सिंह के हाथों हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपने की तैयारी है।
हरियाणा में गुटबाजी में बंटी कांग्रेस पार्टी करीब एक दशक से बिना संगठन के सर्वावाइव कर रही थी, पिछले दिनों हुड्डा-सैलजा की राजनीतिक खींचतान को दरकिनार कर जिलाध्यक्ष बनाए गए थे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का चुनाव बाकी था।
अब खबर हरियाणा में कांग्रेस अहिरवाल बेल्ट के साथ जाट लैंड को एक साथ साधने की तैयारी में है। इसलिए दिग्गज नेता भूपेंद्र हुड्डा को एक फिर नेता प्रतिपक्ष बनाने पर सहमति बन गई है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह को बनाया जाएगा। राव नरेंद्र के बहाने कांग्रेस भाजपा और राव इंद्रजीत के अहिरवाल बेल्ट में सेंधमारी की तैयारी कर रही है। हालांकि इन नियुक्तियों से कोई नजदीकी फायदा तो नहीं है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम जरूर मिलते दिख रहे हैं।
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वैसे राव नरेंद्र का इतिहास देखें तो इनकी राजनैतिक नजदीकियां भूपेंद्र हुड्डा से नजर आती है। 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था। इस दौरान राव नरेन्द्र ने कुलदीप बिश्नोई का साथ छोड़कर भूपेन्द्र हुड्डा सरकार का समर्थन किया। इसके बदले उन्हें मंत्री बनाया गया था। वे 2014, 2019 और 2024 तीनों विधानसभा चुनाव राव नरेंद्र हार गए। जिसमें दो बार ज़मानत ज़ब्त हुई। यादव को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का मतलब है कि कांग्रेस राव इन्द्रजीत के सामने एक मज़बूत विकल्प खड़ना चाहती है।