
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी व कैबिनेट मंत्री अनिल विज (फोटो- सोशल मीडिया)
Haryana Minister Anil Vij Exposes Scam in State: हरियाणा की राजनीति में भूचाल आ गया है। भाजपा सरकार के भीतर ही बगावत के सुर और एक महाघोटाले की गूंज सुनाई दे रही है। प्रदेश के कद्दावर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए श्रम विभाग में 1500 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है। विज ने सीधे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चिट्ठी लिखकर किसी स्वतंत्र और बड़ी एजेंसी से जांच की मांग कर दी है। इस खुलासे के बाद से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है।
यह पूरा मामला श्रम विभाग से जुड़ा है, जहां वर्क स्लिप यानी कार्य रसीद के नाम पर बड़ा खेल खेला गया है। अनिल विज ने खुलासा किया है कि हरियाणा भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में फर्जीवाड़ा कर अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया। गांवों के गांव फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड कर दिए गए। शुरुआती जांच में ही यह घोटाला 1500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा है।
विज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जांच में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। हरियाणा के 13 जिलों में जब करीब 6 लाख वर्क स्लिप की जांच की गई, तो उसमें से 5 लाख 46 हजार से ज्यादा रसीदें अवैध पाई गईं। यानी केवल 53 हजार रसीदें ही सही मिलीं। इतना ही नहीं, सवा दो लाख श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन की जांच में लगभग 1 लाख 93 हजार लोग फर्जी पाए गए। करनाल, गुरुग्राम, नूंह और रोहतक जैसे जिलों में यह खेल अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच धड़ल्ले से चल रहा था।
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इस फर्जीवाड़े का असली मकसद सरकारी योजनाओं की मलाई खाना था। एक फर्जी श्रमिक के नाम पर मातृत्व लाभ के 36 हजार, बच्चों की पढ़ाई के लिए 20 हजार और स्कॉलरशिप के 51 हजार रुपये तक निकाले जा रहे थे। औसतन एक फर्जी श्रमिक के नाम पर सरकार को ढाई लाख रुपये तक का चूना लगाया जा रहा था। हिसार, जींद और फरीदाबाद में मिली अनियिमितताओं के बाद मंत्री अनिल विज ने जिला उपायुक्तों की कमेटियां बनाकर पूरे राज्य में इस खेल की जड़ें खोदनी शुरू कर दी हैं।






