बोटाद में 'आप' की किसान महापंचायत में हिंसा, फोटो- सोशल मीडिया
Maha Panchayat in Gujrat: बोटाद जिले में बिना किसी अनुमति के यह महापंचायत आयोजित की गई थी। जब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिससे एक पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का उपयोग करना पड़ा। पुलिस ने लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया है, और इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
गुजरात के बोटाद जिले के हडाद गांव में रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा आयोजित एक किसान महापंचायत के दौरान बड़ा विवाद सामने आया। चूंकि यह महापंचायत बिना अनुमति के आयोजित की गई थी, इसलिए जब पुलिस प्रशासन ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया, तो मामला हिंसक हो उठा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि यह आंदोलन स्थानीय मार्केट यार्ड में चल रहे भ्रष्टाचार के विरोध में था, और भाजपा सरकार के इशारे पर इसे बाधित किया गया है।
स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा ने जानकारी दी कि अब इलाके में हालात नियंत्रण में हैं। पुलिस ने हिंसा के संबंध में करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया है। घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे भाजपा सरकार द्वारा जानबूझकर की गई कार्रवाई बताया है। पार्टी का दावा है कि यह महापंचायत स्थानीय मार्केट यार्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित की गई थी, जिसमें किसान बड़ी संख्या में जुटे थे।
‘आप’ विधायक गोपाल इटालिया ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई भाजपा सरकार के इशारे पर की गई है। उन्होंने कहा कि आप नेता राजुभाई कारपदा ने मार्केट यार्ड में किसानों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी, इसलिए इस शांतिपूर्ण आंदोलन को जानबूझकर बाधित किया गया।
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आम आदमी पार्टी ने यह भी दावा किया कि उनके गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी और कई अन्य नेताओं को महापंचायत में पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा, ‘आप’ का यह भी दावा है कि कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था, ताकि वे सभा में शामिल न हो सकें।