गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (सोर्स- सोशल मीडिया)
Ayushman Bharat Top State: गुजरात सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दावों के समय पर निपटान में गुजरात देश का शीर्ष राज्य बन गया है।
राज्य सरकार ने न केवल कवरेज का विस्तार किया है, बल्कि कैशलेस इलाज की प्रक्रिया को भी बेहद सरल और तेज बनाया है। इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कुशल नेतृत्व और स्वास्थ्य प्रणाली में किए गए तकनीकी सुधारों को जाता है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों को चिकित्सा दावों का भुगतान करने के मामले में गुजरात ने पूरे देश को पीछे छोड़ दिया है। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, यह उपलब्धि सभी आय वर्गों के नागरिकों के लिए समय पर और पारदर्शी चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
गुजरात में दावों के निपटान की दर सबसे अधिक है, जिसका सीधा लाभ उन गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को मिल रहा है जो इलाज के खर्च के लिए परेशान रहते थे। अधिकारियों का कहना है कि राज्य की कार्यान्वयन प्रणाली की दक्षता ही इसे देश में प्रथम स्थान पर ले आई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने जुलाई 2023 में एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रति परिवार वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया था। इस कदम ने राज्य के करीब 1.2 करोड़ परिवारों को गंभीर और महंगी बीमारियों के खिलाफ एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा कवच प्रदान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “स्वस्थ गुजरात, समृद्ध गुजरात” विजन को आगे बढ़ाते हुए यह योजना अब दूरदराज के क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।
गुजरात में इस योजना के सफल संचालन के लिए अस्पतालों का एक विशाल नेटवर्क तैयार किया गया है। वर्तमान में राज्य के 2,090 अस्पतालों को इस योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें 1,132 सरकारी और 958 निजी अस्पताल शामिल हैं।
नवंबर 2025 तक लाभार्थी इस योजना के माध्यम से 2,299 विभिन्न चिकित्सा प्रक्रियाओं और 50 विशेष रेफरल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। सरकारी अस्पतालों में भी निजी अस्पतालों जैसी उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे आम जनता का भरोसा बढ़ा है।
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गुजरात सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसे केवल गरीबों तक सीमित नहीं रखा है। मई 2025 में राज्य सरकार ने सभी सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए ‘कर्मयोगी स्वस्थ सुरक्षा योजना’ की शुरुआत की।
इस विस्तार के साथ ही गुजरात अब देश का ऐसा राज्य बन गया है जो अपने नागरिकों और सेवाकर्मियों दोनों को समान रूप से उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान कर रहा है। समय पर दावों का भुगतान होने से निजी अस्पताल भी मरीजों को भर्ती करने में तत्परता दिखा रहे हैं।