द केरल स्टोरी को मिला दो नेशनल अवॉर्ड
The Kerala Story won two National Awards: फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में दो बड़े सम्मान मिले हैं। इसमें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार सुदिप्तो सेन को और प्रशांतनु मोहापात्रा को सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी का अवॉर्ड शामिल है। इन उपलब्धियों के बावजूद निर्देशक सुदिप्तो सेन पूरी तरह खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि फिल्म की प्रमुख कलाकार अदा शर्मा और बाकी तकनीकी टीम को भी यह सम्मान मिलना चाहिए था।
सुदिप्तो सेन ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह मेरे लिए एक सरप्राइज था। मैं तकनीकी अवॉर्ड्स की उम्मीद कर रहा था क्योंकि जब कोई फिल्म दो साल बाद भी चर्चा में बनी रहे और बॉक्स ऑफिस पर इतनी बड़ी हिट हो, तो वह तकनीकी रूप से भी मजबूत होती है। उन्होंने आगे कहा कि मेरे डीओपी को सम्मान मिला, जो सराहनीय है, लेकिन मुझे लगता है कि मेरी लेखिका, मेकअप आर्टिस्ट और विशेषकर अदा शर्मा को भी सम्मान मिलना चाहिए था।
सुदिप्तो सेन ने आगे कहा कि अदा ने इस फिल्म में जो अभिनय किया, वो काबिल-ए-तारीफ था। सुदिप्तो सेन ने यह भी स्वीकार किया कि नेशनल अवॉर्ड उनके 25 वर्षों के संघर्ष का सम्मान है। वे 25 साल से मुंबई में रह रहे हैं लेकिन खुद को अब भी बॉलीवुड में बाहरी ही महसूस करते हैं। मैं जिस तरह की फिल्में बनाता हूं, वह मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के मुख्यधारा सिनेमा से अलग हैं। लोग मुझे अब भी बहुत कम जानते हैं, लेकिन मेरे लिए ऑडियंस की सराहना सबसे बड़ी मान्यता है।
‘द केरल स्टोरी’ ने रिलीज के बाद 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी। फिल्म की लीड रोल में अदा शर्मा थीं, जिन्होंने एक युवती के कट्टरपंथी जाल में फंसने की दर्दनाक कहानी को बड़े परदे पर जीवंत किया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और भारत में 241.74 करोड़ और वर्ल्डवाइड 302 करोड़ का कलेक्शन किया। इसे ओटीटी पर ZEE5 पर स्ट्रीम किया जा सकता है।
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द केरल स्टोरी एक युवती शालिनी उन्नीकृष्णन की कहानी है, जिसे केरल में पढ़ाई के दौरान कट्टरपंथी समूहों द्वारा ब्रेनवॉश कर इस्लाम कबूल करवाया जाता है। उसका नाम बदलकर फातिमा बा रख दिया जाता है और उसे धोखे से ISIS में भर्ती कर सीरिया भेज दिया जाता है। वहां उसे आतंकवाद, यौन शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ता है। फिल्म दर्शाती है कि कैसे मासूम लड़कियों को लव जिहाद और ब्रेनवॉशिंग के जरिए आतंक की राह पर धकेला जाता है। यह फिल्म एक सामाजिक चेतावनी के रूप में बनाई गई है।