रामायण के मेघनाथ विजय अरोड़ा से डरते थे राजेश खन्ना! 110 फिल्मों में दिखाया था एक्टिंग का जादू (सौ. सोशल मीडिया)
मुंबई: विजय अरोड़ा का करियर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक अनकहा अध्याय है। उनका अभिनय कौशल, उनकी स्क्रीन प्रजेंस और दर्शकों के साथ उनकी शानदार कनेक्टिविटी ने उन्हें एक आदर्श अभिनेता बना दिया था। हालांकि, उनका फिल्मी करियर कभी भी उस ऊँचाई तक नहीं पहुंच सका, जिसकी वे पूरी तरह से हकदार थे।
उनका अभिनय न केवल रोमांटिक या नकारात्मक भूमिकाओं में था, बल्कि उन्होंने एक अद्वितीय रंग में हर किरदार को जीवित किया। फिल्म ’36 घंटे’ में विजय ने एक जबरदस्त भूमिका निभाई थी, जो उनके अभिनय के विविधता को दर्शाता है। इसके अलावा, फिल्म ‘कादंबरी’ और ‘रोटी’ जैसी फिल्में भी उनकी अभिनय क्षमता को साबित करती हैं।
विजय अरोड़ा का सबसे बड़ा योगदान टेलीविजन इंडस्ट्री में था, खासकर रामायण में उनके निभाए गए मेघनाथ के किरदार के रूप में। यह किरदार न केवल उनके अभिनय का अद्वितीय उदाहरण था। इसने उनके करियर को एक नई दिशा भी दी। यह किरदार उनके लिए सिर्फ एक भूमिका नहीं, बल्कि उनके जीवन की एक अहम पहचान बन गया था। ‘रामायण’ में मेघनाथ का रोल करते हुए उन्होंने जो भावनाएं, कशमकश और युद्ध के तनाव को अभिव्यक्त किया, वह दर्शकों को आज भी याद है।
उनकी शख्सियत और कार्यशैली को लेकर कई दिग्गज अभिनेता भी प्रभावित हुए थे। राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार ने उन्हें अपना प्रतिस्पर्धी माना था और यह बताने में कभी संकोच नहीं किया कि विजय अरोड़ा के पास वह अभिनय क्षमता है जो उनके स्टारडम को चुनौती दे सकती थी। हालांकि, विजय का स्टारडम कभी उस स्तर तक नहीं पहुंच पाया, जिस स्तर पर वे पहुंच सकते थे।
फिल्म इंडस्ट्री और टेलीविजन की दुनिया में उनका योगदान इतना गहरा था कि जब वह 2 फरवरी 2007 को 62 वर्ष की आयु में निधन हो गए, तो न केवल उनके परिवार और दोस्तों ने, बल्कि पूरी इंडस्ट्री ने एक असली कलाकार को खो दिया था।
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विजय अरोड़ा का जीवन और करियर इस बात का उदाहरण है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और कला के प्रति प्रेम एक अभिनेता को दर्शकों के दिलों में स्थायी स्थान दिलाता है। उनका योगदान आज भी नई पीढ़ी के अभिनेताओं और कलाकारों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।