रघुवीर यादव का खुलासा
मुंबई: प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘पंचायत’ ने चौथे सीजन के साथ एक बार फिर देशभर के दर्शकों का दिल जीत लिया है। हर बार की तरह इस बार भी गांव की ज़मीनी राजनीति, मानवीय रिश्ते, हास्य और भावनाओं का ऐसा मेल देखने को मिला जिसने सभी उम्र के दर्शकों को बांध लिया। लेकिन इस सफलता के पीछे सिर्फ कहानी या कलाकार नहीं, बल्कि इसकी आत्मा है सादगी और सच्चाई।
रघुवीर यादव ने किरदार और अनुभव के जरिए खुद बताया कि आखिर ‘पंचायत’ को खास क्या बनाता है? रघुवीर यादव मानते हैं कि पंचायत एक स्क्रिप्ट से कहीं ज्यादा उनके दिल के करीब है। उनका कहना है कि जब मैंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी तो लगा इसमें अभिनय की कोई जगह नहीं, इसमें बस जीना पड़ेगा। यही वजह है कि उनका किरदार फुलेरा गांव का प्रधान नहीं, बल्कि हर दर्शक के घर का हिस्सा बन गया है।
रघुवीर यादव बताते हैं कि पंचायत की लोकप्रियता सीमित नहीं रही। जब मैं ऑस्ट्रेलिया में नाटक के लिए गया, वहां भी लोग पंचायत की बात करने आए। उन्हें हैरानी नहीं कि ये शो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबको पसंद आता है। वो कहते हैं कि शायद इसलिए क्योंकि इसमें असल हिंदुस्तान की झलक है। रघुवीर यादव खुद गांव में पले-बढ़े हैं। उन्होंने सरपंच और पंचायत जैसे किरदारों को नजदीक से जिया है। मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, राजस्थान जैसे राज्यों में थिएटर करते हुए मैंने उन असली लोगों को देखा, जो अब मेरे किरदार में उतर आए हैं।
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पंचायत का हर किरदार, हर सीन, इतनी सच्चाई से गढ़ा गया है कि दर्शक इससे जुड़ाव महसूस करते हैं। इसमें कोई ज़रूरत से ज़्यादा ड्रामा नहीं, कोई नाटकीय विलेन नहीं बस रोज़मर्रा की ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव हैं। फुलेरा की राजनीति और मानवीय रिश्तों की नर्म-गर्म कहानी को चंदन कुमार और दीपक कुमार मिश्रा ने रचा और गढ़ा है। नीना गुप्ता, जितेंद्र कुमार, फैज़ल मलिक, चंदन रॉय और अन्य कलाकारों के साथ यह सीज़न अब प्राइम वीडियो पर नंबर 1 ट्रेंड कर रहा है।