मूंछों के कारण 'महाभारत' में अर्जुन का रोल ठुकराया था पंकज धीर ने, अपने व्यक्तित्व से नहीं किया समझौता
Pankaj Dheer News: बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में ‘दानवीर कर्ण’ के यादगार किरदार से घर-घर में मशहूर हुए दिग्गज अभिनेता पंकज धीर अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके निधन की खबर से पूरी इंडस्ट्री शोक में है। अपने शानदार अभिनय के लिए याद किए जाने वाले पंकज धीर ने अपने करियर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपने उसूलों के चलते ‘महाभारत’ में अर्जुन का रोल ठुकरा दिया था, और उसी फैसले ने उन्हें ‘कर्ण’ जैसा अमर किरदार दिलाया।
पंकज धीर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि ‘महाभारत‘ के निर्माताओं ने शुरुआत में उन्हें अर्जुन का किरदार ऑफर किया था। लेकिन, इस किरदार के लिए उनके सामने एक शर्त रखी गई थी— उन्हें अपनी मूंछें मुंडवानी होंगी। उस दौर में अभिनेताओं के लिए अपनी मूंछें रखना या हटाना एक बड़ा फैसला माना जाता था, क्योंकि यह उनके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होता था।
अभिनेता पंकज धीर अपने उसूलों के बहुत पक्के थे। उन्होंने अपनी मूंछें मुंडवाने से साफ इनकार कर दिया, क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत लुक के साथ समझौता नहीं करना चाहते थे। पंकज धीर के ‘ना’ कहते ही बीआर चोपड़ा ने उन्हें शो से बाहर कर दिया था और अर्जुन का रोल दूसरे अभिनेता को दे दिया गया। उस समय यह फैसला उनके करियर के लिए एक झटका लग सकता था, लेकिन पंकज धीर अपने व्यक्तित्व और सिद्धांतों पर अटल रहे।
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हालांकि, किस्मत ने पंकज धीर के लिए कुछ और ही सोच रखा था। अर्जुन का रोल ठुकराने के लगभग चार महीनों बाद, ‘महाभारत’ के निर्माताओं ने एक बार फिर उनसे संपर्क किया। इस बार उन्हें ‘दानवीर कर्ण’ का शक्तिशाली और मार्मिक किरदार ऑफर किया गया। पंकज धीर ने इस भूमिका को स्वीकार किया और बाकी इतिहास है। उनके अभिनय ने कर्ण के त्याग, वीरता और दुख को ऐसे जीवंत किया कि यह किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है।
पंकज धीर की यह कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने अपने करियर के शुरुआती चरण में भी अपने व्यक्तिगत उसूलों से समझौता नहीं किया, जिसका उन्हें बाद में एक शानदार फल मिला। उनका ‘कर्ण’ बनना भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक ऐसा फैसला साबित हुआ, जिसने उन्हें अमर कर दिया। आज जब इंडस्ट्री उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है, तो उनका यह निर्णय यह भी सिखाता है कि कभी-कभी सिद्धांतों पर डटे रहना आपको सफलता के शिखर तक ले जाता है।