सिंदूर फिल्म (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइल अटैक से तबाह कर दिया। इस मिशन का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया, जो हर हिंदू विवाहिता महिला के लिए सम्मान और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
इस ऑपरेशन का नाम भावनात्मक रूप से इसलिए भी खास है क्योंकि पहलगाम में आतंकियों ने महिलाओं के सामने उनके पतियों को सिर पर गोली मार दी थी, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं। ऐसे में भारत ने उन सभी ठिकानों को तबाह कर दिया, जहां से आतंकियों को ट्रेनिंग देकर भारत भेजा जा रहा था।
‘सिंदूर’ टाइटल से बन चुकी है फिल्म
‘सिंदूर’ शब्द का महत्व सिर्फ भारतीय परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि बॉलीवुड में भी इसका प्रभाव देखने को मिला है। 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘सिंदूर’ इसी नाम की लोकप्रिय फिल्म है, जिसमें शादी, विधवा जीवन और परिवार की भावनाओं को खूबसूरती से दिखाया गया है। ऐसे में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह फिल्म एक बार फिर चर्चा में आ गया है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में…
इस फिल्म में जया प्रदा ने एक विधवा महिला लक्ष्मी का रोल निभाया है, जो अपने पति की मौत के बाद अकेले अपनी बेटी की परवरिश करती है। फिल्म में शशि कपूर प्रोफेसर विजय चौधरी के किरदार में नजर आए हैं। वहीं गोविंदा, नीलम, ऋषि कपूर, मौसमी चटर्जी, कादर खान, शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर और असरानी जैसे कई बड़े कलाकार इसमें शामिल थे।
फिल्म का गाना काफी हुआ था हिट
इस फिल्म को के. रविशंकर ने डायरेक्ट किया था और कादर खान ने इसके दमदार डायलॉग्स लिखे थे। इसके साथ ही स्क्रीन प्ले ज्ञानदेव अग्निहोत्री ने लिखा था। कहानी के. रंगराज ने लिखी थी और 14 अगस्त 1987 को रिलीज इस मूवी को टीनू इंटरनेशनल फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया था। इसका म्यूजिक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने तैयार किया था। वहीं इसका गाना “पतझड़, सावन, बसंत बहार” उस दौर में काफी हिट हुआ था।
अब जब सेना की कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है, तो इस टाइटल वाली पुरानी फिल्म की यादें भी ताजा हो गई हैं। ये दिखाता है कि कैसे एक शब्द, चाहे वो फिल्म में हो या सेना के मिशन में, भारतीय भावनाओं की गहराई से जुड़ा हुआ होता है।