महिमा चौधरी का दमदार कमबैक: संजय मिश्रा स्टारर 'दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी' - एक क्लीन और खुशनुमा फिल्म
Durlabh Prasad Ki Dusri Shadi Review: संजय मिश्रा और महिमा चौधरी अभिनीत फ़िल्म ‘दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी’ रिलीज़ हो चुकी है। यह फ़िल्म आज के दौर के कमर्शियल सिनेमा से हटकर एक ऐसी कहानी पेश करती है, जो इमोशन और कॉमेडी के सही मिश्रण से पारिवारिक रिश्तों की अहमियत का एहसास कराती है। निर्देशक ने वाराणसी (बनारस) की पृष्ठभूमि पर एक साफ़-सुथरी और दिल को छू लेने वाली कहानी बुनी है।
कहानी: वाराणसी (बनारस) में सेट की गई ये फिल्म असल में कहानी है मुरली (व्योम यादव) और महक (पालक लालवानी) की जो एक दूसरे से प्रेम करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन लड़की के पिता, जो एक शक्तिशाली व्यक्ति और भावी विधायक है, उनकी और उनके परिवार की शर्त है कि जब तक मुरली के घर कोई महिला नहीं आ जाती वे अपनी बेटी का ब्याह उस घर में नहीं करेंगे। अब मुरली के लिए ये बड़ी चुनौती है क्योंकि उसकी मां को गुजरे अरसा बीत चुका है और ऐसे में उसका सारा पालन पोषण उसके पिता दुर्लभ प्रसाद (संजय मिश्रा) और मामा (श्रीकांत वर्मा) ने ही किया है। अब यहां आता है कहानी में ट्विस्ट जब बेटा अपनी शादी के लिए अपने पिता दुर्लभ की दोबारा शादी कराने में जुट जाता है। इसी दरम्यान एंट्री होती है बबीता (महिमा चौधरी) की जिसका दुर्लभ से कोई नाता जरूर है। अब क्या आगे दुर्लभ अपने बेटे की खातिर दूसरी शादी करते हैं? और क्या मुरली और महक की शादी हो पाती है? इसी के इर्दगिर्द घूमती है फिल्म की कहानी जो इसके क्लाइमेक्स में एक मजेदार मोड़ पर अंत होती है।
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परफॉर्मेंस: फिल्म में संजय मिश्रा हमेशा की तरह हमें जमकर एंटरटेन करते हुए नजर आए। इसी के साथ महिमा चौधरी ने अपने उसी कॉंफिडेंट और खूबसूरत अंदाज से फिल्म में अपना दमदार कमबैक किया है। इसी के साथ व्योम ने भी अपने एक्ट से हमें इम्प्रेस किया। बात करें पलक की तो वे अपने किरदार में पूरी तरह से ढली हुई नजर आई।
म्यूजिक: फिल्म का म्यूजिक वाकई खुशनुमा है। इसके गानों में बोल और इसका संगीत इसकी खूबसूरती को और बढ़ाता है। इसी के साथ फिल्म में कुछ सैड गाने भी है जो आपके दिल को छू जाएंगे।
फाइनल टेक: इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये एक क्लीन फैमिली ड्रामा है। आज के इस कमर्शियल सिनेमा के युग में जहां अश्लीलता और वायलेंस की भरमार है वहीं ये इमोशन और कॉमेडी से भरी कहानी है जो आपको पारिवारिक रिश्तों की एहमियत का भी एहसास कराएगी। कुल मिलाकर ये एक सिनेमा में देखने योग्य फिल्म जिसका आप परिवार संग आनंद ले सकते हैं।