लोक गायिका मैथिली ठाकुर बीजेपी में शामिल, बिहार चुनाव में अलीनगर से लड़ सकती हैं चुनाव
Maithili Thakur To Contest Bihar Elections: बिहार की मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार चुनाव से ठीक पहले मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होकर सबको चौंका दिया है। 23 वर्षीय गायिका को बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। सूत्रों के मुताबिक, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी उन्हें मधुबनी जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है, जिससे बिहार की राजनीति में एक नया और युवा चेहरा सामने आया है।
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को मधुबनी में हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं, और उन्होंने अपने पिता और दादा दोनों से शास्त्रीय और मैथिली लोक संगीत की शिक्षा ली है। उनका प्रारंभिक जीवन संघर्षों से भरा रहा, क्योंकि बेहतर रोज़गार की तलाश में उनका परिवार दिल्ली चला गया था। संगीत की दुनिया में उनका सफर भी आसान नहीं रहा; उन्हें ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स’ और ‘इंडियन आइडल जूनियर’ जैसे रियलिटी शो में शुरुआती असफलता मिली। हालांकि, 2017 में ‘द राइजिंग स्टार’ शो में फर्स्ट रनर-अप बनकर उन्होंने अपनी पहचान बनाई।
मैथिली ठाकुर सोशल मीडिया पर एक बड़ी हस्ती हैं, खासकर उनके भक्ति भजन और विभिन्न भाषाओं में गाए लोकगीत काफी लोकप्रिय हैं। भगवान राम की भक्ति से जुड़े उनके वीडियो पर लाखों व्यूज आते हैं। इंस्टाग्राम पर उन्हें 6.3 मिलियन से अधिक लोग फॉलो करते हैं। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए, पिछले साल उन्हें नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित किया गया था, जिसकी सेल्फी उन्होंने अपने फैंस के साथ साझा की थी।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, मैथिली ठाकुर देश और विदेश में लाइव शो करती हैं और उनकी एक शो की फीस 5-7 लाख रुपये के बीच होती है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उन्होंने बॉलीवुड और फिल्मी गानों से दूरी बनाने का फैसला किया था, जिसके बाद वह सिर्फ लोकगीत और भजन ही गाती हैं।
मैथिली ठाकुर का बीजेपी में शामिल होना बिहार चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। उनकी लोकप्रियता और मिथिला क्षेत्र से जुड़ाव पार्टी को युवा और महिला मतदाताओं के बीच एक मजबूत पैठ बनाने में मदद कर सकता है। संगीत के क्षेत्र से राजनीति में कदम रखने वाली मैथिली की नई पारी पर अब सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।